आठ महीने बाद राजाराम को मिली स्माईल
दिव्यांगता, बाएं तरफ लकवाग्रस्त और पारिवारिक कलह से तंग आकर ललितपुर जिले के पाली थाने के निवासी मानसिक मन्दित राजाराम घर छोड़ निकल गए। मानसिक मन्दिता के कारण घर नही जा पाए और भटकते भटकते गोरखपुर पहुँच गए। रेलवे स्टेशन गोरखपुर पर पिछले छः महीने से रहने में हाथ मे सड़न चालू हो गई, ठंड से बचने को 8 पैंट, 7शर्ट पहने और उसी में शौच इत्यादि भी करते रहे। परिणामस्वरूप भयंकर बदबू लिए घूमते रहे।
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गोरखपुर में मानसिक दिव्यांगों के लिए सेवारत राज्य पुरस्कार प्राप्त स्माईल रोटी बैंक टीम की नजर पड़ी राजाराम पर और उनकी काउंसलिंग कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बातचीत में घर का पता चला और पुलिस से सम्पर्क कर राजाराम के घर सम्पर्क किया गया। घर से भाई और बहनोई गोरखपुर के लिए चले। आज सुबह राजाराम अपने बहनोई और भाई के साथ घर के लिए विदा हुए। विदा करते हुए स्माईल टीम ने कम्बल और जरूरी सामानों की एक स्माईल पैक देकर विदा किया। विदाई के समय परिवार व स्माईल टीम के लोग भावुक थे।
स्माईल टीम के आज़ाद पाण्डेय ने बताया कि, हमारी टीम रात में ऐसे लोगों तक वस्त्र भोजन पहुंचा रही है, और प्रयास कर घर भी भेज रही है। स्माईल टीम से श्रद्धा, सुमित, दीपक, रूही, व तनु शामिल थे विदाई में।