Shankar Pandey Murder Case Deoria Uttar Pradesh
बरहज देवरिया : उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन अगर देवरिया जिले में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला मईल थाना क्षेत्र के ईसारू गांव का है। जहां पर बीते कुछ दिन पहले शंकर पांडे (Shankar Pandey Murder Case Deoria Uttar Pradesh) की रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई। आरोपी के अनुसार हत्या करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव को बोरी में भरकर भागलपुर पक्के पुल से नदी में फेंक दिया जाता है। लेकिन भागलपुर चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों को इसकी भनक भी नहीं लगती है। यह अत्यंत ही सोचनीय विषय है। हालांकि पुलिस ने हत्या आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कर रही है। लेकिन श्री महाराज ने बताया की हत्या में पांच लोग शामिल थे। जबकि पुलिस ने अब तक सिर्फ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यही नहीं उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए बताया कि यदि 10 अक्टूबर तक शंकर पांडे के शव को पुलिस बरामद नहीं करती है। तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा, इसके साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक को हत्या आरोपीयो को बचाने एवं उनके घरों से हत्या आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही।
सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पांडे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन हम लोगों की मांग पूरी नहीं करती है। तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरव मिश्रा ने बताया कि एक भी आरोपी बक्से नहीं जाएंगे, हर तरह से घटना की जांच की जाएगी। जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध विधि के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश की सरकार अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह से कम कर रही है। तिलौली और बिलासपुर की घटना पर प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना मेरे संज्ञान में नहीं था। यदि किसी प्रकार का मामला प्रकाश मे आता है। तो दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा । अब देखना होगा कि शंकर पांडे को न्याय मिलता है या नीरज तिवारी को क्योंकि नीरज तिवारी हत्याकांड (Shankar Pandey Murder Case) बरहज क्षेत्र अधिकारी के लिए सर दर्द बनाई हुआ था। कुछ ही दिनों बाद शंकर पांडे की रहस्य तरीके की घटना ने पूरे प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। आनंद स्वरूप महाराज के अनुसार प्रशासन घटना में लीपापोती करने का काम कर रही है। जो अत्यंत ही निंदनीय है। उन्होंने बताया कि यदि 10 अक्टूबर तक पुलिस ने उनका शव बरामद नहीं हुआ तो अनवरत आंदोलन चलता रहेगा। इसके सारी जिम्मेदारी शासन के लोगों की होगी।