लक्ष्मी कांत दुबे की रिपोर्ट
सलेमपुर /देवरिया- सलेमपुर तहसील अंतर्गत ग्राम चाँदपालिया में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथावाचक पं श्रवण कुमार मिश्र ने भगवान सुकदेव जी की कथा सुनाते हुए कहा कि ‘भगवान सुकदेव जी का जन्म नहीं होता तो हम प्राणी मात्र को श्रीमद्भागवत की प्राप्ति नहीं होती। सुकदेव जी ऐसे महात्मा हुए जो जन्म के तुरन्त बाद सन्यासी हो गए। सुकदेव जी का जन्म ही लोक कल्याण के लिए हुआ।आगे कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब भगवान शंकर माता पार्वती को कैलाश पर्वत पर अमर कथा सुना रहे थे उस समय माता पार्वती जी सो गई।
वही बरगद के पेड़ पर तोते के रूप में सुकदेव जी पूरी कथा सुनते गए और बीच-बीच में हुकारी पारते गए जिससे भगवान शिव को यह महसूस हो रहा था कि माता पार्वती कथा को सुन रही है। जब शिव को मालूम हुआ कि पार्वती जी ने कथा नहीं सुनी और कथा तोते के रूप में सुकदेव जी ने सुनी है तो वह क्रोधित होकर वह तोते को मारने के लिए दौड़ा दिये।
तोते ने भागकर व्यास जी की पत्नी के मुख के रास्ते उनके गर्भ में प्रवेश कर लिया फिर भगवान सुकदेव के रूप में प्रकट होकर राजा परीक्षित को कथा सुनाया जिससे राजा परीक्षित को मुक्ति मिली। तभी से श्रीमद्भागवत कथा सुनने और सुनाने की प्रारंभ हुई, जिससे मानव जीवन का कल्याण होता गया।उक्त अवसर पर पंडित अरविंद कुमार पाण्डेय यज्ञमान घनश्याम शर्मा,चंद्रावती देवी, रामसकल शर्मा,सियाराम शर्मा जयराम शर्मा,राधेश्याम शर्मा, श्यामबिहारी शर्मा, बलिराम शर्मा संयोजक नितेश शर्मा समेत सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण कथा का श्रवण कर लाभ ले रहे है ।
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