उत्तर प्रदेश

महाराज जनक के पुष्प वाटिका एवं फुलवारी प्रसंग पर श्री राम कथा

प्रेमभूषण जी महाराज।

बरहज, देवरिया। बाबा महेंद्र नाथ के पावन भूमि महेन में चल रहे श्री राम कथा के पांचवें दिवस पर प्रेम मूर्ति संत प्रेमभूषण जी महाराज ने महाराज जनक के पुष्प वाटिका का वर्णन करते हुए कहा कि लक्ष्मण के हृदय में महाराज जनक की पुष्प वाटिका देखने की इच्छा थी जिसको गुरु विश्वामित्र समझ गए और श्री राम से कहा कि प्रातः काल पूजा के लिए पुष्प राम लक्ष्मण तुम्हें लेकर आना होगा गुरुदेव की आज्ञा पाकर राम और लक्ष्मण महाराज जनक की पुष्प वाटिका में लाने पहुंचे वहीं दूसरी तरफ जानकी जी अपने आठ सखियों के साथ मां पार्वती का पूजन करने आई पुष्प वाटिका में प्रभु श्री राम ने जानकी को दिखा जानकी जी ने भी प्रभु श्री राम को दिखा जानकी जी ने मन में संकल्प लिया और भगवान शिव मां पार्वती से प्रार्थना की मन जाहि रआ चएउ मिलही जो मिले सो बर सहज सुंदर सवारों करुणा निधान सुजान सील स्नेह जानते रावरो।

कथा के बीच-बीच में प्रसंग से जुड़े हुए गीतों को भी महाराज श्री ने गया। कथा के कार्यक्रम में आश्रम पीठाधीश्वर आञ्जनेय दास जी महाराज बाबू बिजेश्वरी सिंह ,श्रवण कुमार सिंह, अखंड प्रताप सिंह ,तारकेश्वर पाठक ,रवि शंकर सिंह, त्रिलोकी नाथ यादव, रामकुमार पांडे ,अनिल राय, अनमोल मिश्र, विनय कुमार मिश्र, शिवकुमार, डॉ धनंजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह, बलवंत यादव ,बिन्नू तिवारी प्रधान, एवं कार्यक्रम के आयोजन चंदन गोस्वामी सहित क्षेत्र के सम्मानित श्रद्धालु जन गण मान्य लोग उपस्थित रहे । 

Vinay Mishra

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