उत्तर प्रदेश

श्री शत चंडी माता का मंदिर आम जनमानस के लिए एवं भक्तों के लिए बना आस्था का केंद्र- शारदीय नवरात्र पर विशेष

बरहज । देवरिया वर्तमान समय में श्री चंडी माता जी के मंदिर अत्यंत लोकप्रिय है क्षेत्र वासियों के साथ-साथ विभिन्न जनपदों के भक्तों की आस्था दिनों ब दिन बढ़ती जा रही है गांव गांव में लोगों के द्वारा माताजी के स्थान को एक संस्था के रूप में श्री चंडी माता हनुमान मंदिर सेवा संस्थान के नाम से बनाया गया है और संस्था के द्वारा विकास कार्य कराया जा रहा है समय-समय पर होने वाले उत्सव एवं कार्तिक पूर्णिमा में लगने वाले मेले का आयोजन किया जाता है वर्तमान समय में गोरखपुर जनपद के अंतर्गत बड़हलगंज पटना चौराहा के दक्षिणी छोर पर मुक्तिपथ से लगभग 200 मी पूर्व दिशा में श्री चंडी माता का मंदिर बुढनपुरा ग्राम के पश्चिमी छोर पर सरयू तट के उत्तरी भाग में स्थित है यह मंदिर अति प्राचीन है जहां तक जनश्रुतियों के अनुसार मुगल काल के पूर्व क्षेत्र जंगलों से पटा था जिसमें थारू जनजाति आदिवासी निवास करते थे।

वह अपने इष्ट देवी के नाम पर माता जी का उपरोक्त स्थान पर स्थापना की प्रारंभ में यहां जंगलों के बीच मिट्टी के टिले जैसा और पत्थर की पिडिया थी कालांतर में जंगलों को काटकर आबादी बसती गई आज से लगभग 100 से 150 साल पहले एक पक्का चबूतरा बनवाकर उसे स्थान पर पिडिया स्थापित कर दिया गया उसके बगल में विशाल काय नीम, एवं पीपल का पेड़ जो आज भी है पीपल के वृक्ष के नीचे शंकर जी की स्थापना की गई माता चंडी जी के मंदिर के उत्तर तरफ लगभग 8 फीट की दूरी पर नीम के पेड़ में शीतला माता की मूर्ति अवस्थित की गई है तभी से पूजा पाठ शुरू हुआ उसे समय माता चंडी जी का स्थान बहुत ऊंचा था माता के स्थान पर पहुंचकर पूजा पाठ करने के लिए 6 सीढ़ियां बनवाई गई थी जिसका निर्माण स्वर्गीय सरयू लाल गौड़ ने करवाया क्षेत्र वासियों की मनोकामना माता चंडी जी की कृपा से पूर्ण होती गई और भक्तों की आस्था बढ़ती गई आज लगभग 100 साल पहले माता जी के स्थान का निर्माण कार्य भक्तों के सहयोग से हुआ श्री चंडी माता मंदिर पर वर्तमान पूजा पाठ दीपक पांडे करते रहते हैं चंडी माता मंदिर पर अन्य जनपदों से जैसे गोरखपुर, बस्ती ,आजमगढ़, महाराजगंज, बलिया, मऊ, आज जनपदों से भी भक्तों का आना-जाना लगा रहता है मां के स्थान पर धूप दीप नारियल चुनरी से पूजन अर्चन किया जाता है ।

माता जी के मंदिर में शारदीय नवरात्र एवं चैत्र नवरात्र के अवसरों पर पंडित ओमकार नाथ तिवारी द्वारा विशेष पूजन संपन्न कराया जाता है जहां हजारों की संख्या में मां के भक्त आते जाते रहते हैं और अपने-अपने मतों के अनुसार पूजा पाठ करते हैं मां अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। गांव के द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को भजन कीर्तन का आयोजन चलता रहता है वर्तमान समय में श्री चंडी माता जी का मंदिर अत्यंत लोकप्रिय है क्षेत्र वासियों के साथ-साथ विभिन्न जनपद के भक्तों की आस्था दिनों दिन बढ़ रही है गांव के लोगों द्वारा माताजी के स्थान को एक संस्था के रूप में श्री चंडी माता एवं हनुमान मंदिर सेवा संस्थान के नाम से बनाया गया है और संस्था के द्वारा विकास कार्यक्रम कराया जा रहा है समय-समय पर होने वाले उत्सव एवं कार्तिक पूर्णिमा में लगने वाले मेले का आयोजन किया जाता है मंदिर परिसर में अतिरिक्त यज्ञशाला, धर्मशाला, एवं माता को करही चढ़ाने के लिए लंबे बरामदे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है संस्था के अध्यक्ष विनय मिश्र ,उपाध्यक्ष मुकरी सोनकर ,प्रबंधक अर्जुन यादव ,कोषाध्यक्ष योगेंद्र निषाद, विधि सलाहकार आमोद गौड ,सदस्य उर्मिला मिश्रा, नीरज गौड़, आलोक गौड, श्रवण सोनकर, हरि निषाद ,श्रीमती धर्मावती देवी ,एवं गांव के अन्य लोगों द्वारा विकास कार्य चल रहा है। आज श्री माता का माता जी का मंदिर आम जनमानस के लिए एवं भक्तों के आस्था का केंद्र बन गया है।

Basant Mishra

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