शूर्पणखा ने भाई रावण को भद्रा काल मे बांधी राखी हुआ पूरे कुल का विनाश – आचार्य अजय शुक्ल

Updated: 17/08/2024 at 4:33 PM
Rakhi

राखी का त्योहार 19 अगस्त को, शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 32 मिनट के बाद

सलेमपुर, देवरिया। हिन्दू धर्म का त्योहार रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रमुख पर्व है। आज के दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर उसके दीर्घायु व सुखी जीवन की कामना करती है। उक्त बातें बताते हुए आचार्य अजय कुमार शुक्ल ,जीउत बाबा, ने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व सावन के पावन महीने के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 19 अगस्त को पड़ रहा है ,इस दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा , इसके बाद इस समय से लेकर रात्रि 9 बजकर 7 मिनट तक राखी का त्योहार मनाया जाएगा। भद्रा काल में राखी बांधने की मनाही है। कहा जाता है कि रावण की बहन सूर्पनखा ने अपने भाई को भद्रा काल में राखी बांधी थी।जिसके कारण रावण व उसके पूरे कुल का विनाश हो गया था। इसलिए भद्रा काल मे भाई को राखी नही बांधनी चाहिए। इसके अलावा एक और कारण यह भी है कि भद्रा काल में भगवान भोलेनाथ तांडव नृत्य करते हैं और बहुत ही क्रोधित रहते है।

आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि इस दिन पूरे विधि विधान से राखी बांधना चाहिए। इसके लिए सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान कर लाल,पीले या हरे वस्त्र धारण करें, काला वस्त्र धारण नही करें। ततपश्चात अपने इष्ट देव की पूजा कर व्रत रहकर शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधे तथा उसके मंगलमय जीवन की कामना कर व्रत का समापन कर अन्न ग्रहण करें।

First Published on: 17/08/2024 at 4:33 PM
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