Updated: 21/10/2023 at 8:59 PM
बरहज देवरिया : बरहज के ऐश्वर्या पैलेस में भारतीय जनता पार्टी के पुर्व उप जिला उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सविता गुप्ता के द्वारा नारी बंदन सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें मुख्य रूप से बांसगांव सांसद कमलेश पासवान, बरहज विधायक दीपक मिश्रा शाका, बलिया ज़िला के विधानसभा बांसडीह विधानसभा के विधायक केतकी सिंह सहित भारतीय जनता पार्टी के दर्जनों पदाधिकारी सहित सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे ऐश्वर्या पैलेस में पैर रखने की जगह नहीं थी लेकिन सबसे दिलचस्प की बात यह रही की जहां बदन सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
वहां पर सिर्फ अपने-अपने वक्तव्य के माध्यम से सरकार की महानता एवं नारीशक्ति की बात कही जा रही थी लेकिन बदन का जो मूल अर्थ होता है वह वहां पर देखने को नहीं मिला बदन का मतलब भारतीय संस्कृति में पूजा से होता है जिस कार्य को करने के लिए एक से अधिक लोग एक साथ संकल्पित होकर एकत्रित होते हैं उसे सम्मेलन कहते हैं यानी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा नारियों की पूजा कर संसार में स्त्रियों की गौरव को बताने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
आयोजन का मुख्य उद्देश्य था कि भगवान श्री राम की धर्मपत्नी सीता एक राजा के पुत्र वधू एवं एक राजा की पुत्री होते हुए भी अपने पति के साथ रहने के लिए राजसी सारे सुखों का त्याग करके वनवास के समय अपने पति के साथ कांटों पर चलने के लिए तैयार हो गई और 14 वर्षों तक नाना प्रकार के दुखों को अपने पति के साथ भोंकते हुए भी उसको सुख की अनुभूति की इसे नारी शक्ति और नारी सशक्तिकरण कहते हैं सती अनसूया का भी पुराणों में वर्णन है की जब उनके पति कुष्ठ रोग से पीड़ित थे उसे समय भी वह अपने पति का साथ नहीं छोड़ी और अंत में भगवान सूर्य सहित सभी देवी देवताओं को सती अनसूया के पास आकर उन्होंने विनय करना पड़ा और उनके पति अत्रि मुनि को ठीक करके उन्हें पुनः जीवनदान देना पड़ा इसे नारी सशक्तिकरण और नारी बंदन और नारी सम्मेलन कहते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोग नारी सशक्तिकरण और नारी बंदन के नाम पर सिर्फ भाषण बाजी करते रहे यही नहीं जब वहां से कुछ महिलाएं जाने लगी तो वहां के कार्यकर्ताओं द्वारा उनसे अनूनय विनय करके वहां पर रुकने की बात करते नजर आए.
वहां पर सिर्फ अपने-अपने वक्तव्य के माध्यम से सरकार की महानता एवं नारीशक्ति की बात कही जा रही थी लेकिन बदन का जो मूल अर्थ होता है वह वहां पर देखने को नहीं मिला बदन का मतलब भारतीय संस्कृति में पूजा से होता है जिस कार्य को करने के लिए एक से अधिक लोग एक साथ संकल्पित होकर एकत्रित होते हैं उसे सम्मेलन कहते हैं यानी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा नारियों की पूजा कर संसार में स्त्रियों की गौरव को बताने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
आयोजन का मुख्य उद्देश्य था कि भगवान श्री राम की धर्मपत्नी सीता एक राजा के पुत्र वधू एवं एक राजा की पुत्री होते हुए भी अपने पति के साथ रहने के लिए राजसी सारे सुखों का त्याग करके वनवास के समय अपने पति के साथ कांटों पर चलने के लिए तैयार हो गई और 14 वर्षों तक नाना प्रकार के दुखों को अपने पति के साथ भोंकते हुए भी उसको सुख की अनुभूति की इसे नारी शक्ति और नारी सशक्तिकरण कहते हैं सती अनसूया का भी पुराणों में वर्णन है की जब उनके पति कुष्ठ रोग से पीड़ित थे उसे समय भी वह अपने पति का साथ नहीं छोड़ी और अंत में भगवान सूर्य सहित सभी देवी देवताओं को सती अनसूया के पास आकर उन्होंने विनय करना पड़ा और उनके पति अत्रि मुनि को ठीक करके उन्हें पुनः जीवनदान देना पड़ा इसे नारी सशक्तिकरण और नारी बंदन और नारी सम्मेलन कहते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोग नारी सशक्तिकरण और नारी बंदन के नाम पर सिर्फ भाषण बाजी करते रहे यही नहीं जब वहां से कुछ महिलाएं जाने लगी तो वहां के कार्यकर्ताओं द्वारा उनसे अनूनय विनय करके वहां पर रुकने की बात करते नजर आए.
First Published on: 21/10/2023 at 8:59 PM
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