बरहज, देवरिया। बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत नगर में स्थित अनंत पीठ आश्रम बरहज में महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गई इस अवसर पर आश्रम की पीठाधीश्वर आजनेय दास जी महाराज ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की रामायण कथा क्रोध पक्षी की वेदना को देखने के बाद निकली फिर महर्षि वाल्मीकि ने पूरी रामायण कथा को संस्कृत भाषा में लिपिबद्ध किया संस्कृत भाषा कठिन है जिसको सामान्य जन हिंदी रूपांतर पढ़कर समझ लेते हैं इसके बाद उपस्थित लोगों द्वारा जयंती के अवसर पर गोस्वामी तुलसीदास जी के रामचरितमानस से सुंदरकांड का पाठ किया गया इस अवसर पर आश्रम के पीठाधीश्वर आञ्जनेय दास जी महाराज ,अभय पांडे ,ओमप्रकाश दुबे, पंडित विनय कुमार मिश्रा, निखिल द्विवेदी ,अनमोल मिश्रा, मानस मिश्रा ,विशाल दुबे ,अनुपम मिश्रा, आकांक्षा मिश्रा, पदमा दीक्षित ,कुमारी पूजा आदि द्वारा सुंदरकांड का पाठ किया गया कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरित किया गया।
संवाददाता विनय मिश्र
बरहज, देवरिया