दिवाकर उपाध्याय/बांसी/सिद्धार्थनगर
मिठवल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम नरहीं बुजुर्ग मे चल रहे संगीतमयी भागवत कथा के छठवें दिन कथा ब्यास श्री दशरथी जी महाराज श्री धाम अयोध्या नगरी के मुखारविंद से भगवान श्री कृष्ण के द्वारा कंश बध और कृष्ण विवाह के प्रसंग को विस्तार से कहा गया ,कंश बध प्रसंग में दशरथी जी महाराज ने कहा कि जब भगवान श्री कृष्ण ब्रज धाम से मथुरा में पहुंचे तो वहां पर उत्सव का माहौल था तथा मथुरा में भगवान शिव का धनुष को पूजन कर दर्शन करने हेतु रक्खा गया था और वहां पर पहुंच कर श्रीकृष्ण और बलराम जी ने उस दिव्य धनुष को प्रणाम किया तथा उसकी रक्षा के लिए मौजूद प्रशासक से उसे उठाने की अनुमति मांगी इस बात को सुनकर सभी हसनें लगे लेकिन प्रभू ने हसते हसते उस धनुष को उठाकर तोड़ दिया तथा उसकी कठोर ध्वनि से कंश को अपने आने की सूचना दी, घबडाए कंश ने बिभिन्न तरीकों से उनकी हत्या का प्रयास किया लेकिन उन सबका बध करके श्री कृष्ण ने कंश को अपने मुष्टि प्रहार से कंश का बध किया इस अवसर पर देवताओं ने उन पर आकाश से पुष्प बृष्टि की और उनकी जय जय कार की फिर दोनों भाइयों ने जेल में जाकर अपने माता -पिता को स्वतंत्र किया ।कृष्ण विवाह के प्रसंग कहते हुए उन्होंने कहा कि राजा भीष्मक के यहाँ जो बिधव राज की पुत्री थीं के भाई जो कि शिशुपाल के मित्र थे ने शिशुपाल से विवाह तय कर दिया लेकिन रुकमिणी जी ने मन ही मन कृष्ण को अपना पति मान लिया था ने चोरी से एक ब्राह्मण के हाथों पत्र कृष्ण तक भेंजा उस पत्र में उन्होंने लिखा कि हे श्यामसुंदर मैंने आपको देखा नहीं है लेकिन आपके गुणों को सुनकर मेरा मन आपमें समर्पित हो गया है जीवन में कोई कन्या एक बार ही वरण करती है और मैंने आपको वरण कर लिया है ,श्री कृष्ण ने इस प्रकार पत्र पढकर श्री कृष्ण ने ब्राह्मण के साथ वहां पहुंच गए।इसी बीच रुकमिणी जी गौरी माता की पूजा करने गयी हुई थी और श्री कृष्ण का रथ वहां पर पहुंच गया तथा गौरीपूजन कर रुकमिणी जी जैसे ही बाहर निकलीं और श्री कृष्ण ने रुकमिणी जी का हाथ पकड़कर रथ पर बैठाकर आकाश मार्ग से द्वारिकापुरी आ गए ,वहां पर सभी लोग उस अवसर पर मंगलगीत गाने लगे पुष्प वर्षा होने लगी सब तरफ मंगल ही मंगल होने लगा ।इस अवसर पर कार्यक्रम के यजमान श्रीमती गीता देवी एवं महेश चंद्र दूबे सहित भूपेश चंद्र दूबे, सुवोध, अम्बरीष दूबे, गणेश दूबे, ओमप्रकाश, पं अरविंद मिश्र ,सुधीर कुमार, निरुपम दूबे, अरुण कुमार, नीरज कुमार, ग्राम प्रधान रीतेश दूबे, दयाराम, शीला देवी, मंजू देवी, प्रिया,कु.,सुमित कुमार अदिति,मंजुला ,अंकित,बबलू दूबे,मंगेश दूबे, सहित भारी संख्या में ग्रामीण और क्षेत्रीय जनसमूह मौजूद रहा।