भागलपुर/ देवरिया, भागलपुर गांव में मांग खाकर जीवन यापन कर रही महिला जिसको लोग बौकी के नाम से जानते थे। किसी वहां से ठोकर लग जाने से इलाज के दूसरे दिन मर गई बरसों से रह रही महिला।राम लीला देखने के दौरान किसी वाहन ने घायल कर दिया। इसके बाद महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भागलपुर ले जाया गया। जहाँ उसका प्राथमिक उपचार हुआ। यह महिला भागलपुर में रहकर जीवन यापन कर रही थी। घायल महिला का 29 अक्टूबर को सुबह 9 से 10 बजे के लगभग उसकी मौत हो गई।
आपको बता दे कि भागलपुर में एक महिला वर्षों से मांगती खाती और भागलपुर में ही अपना जीवन यापन करती थी। सोमवार की रात्रि को रामलीला देख रही थी तभी मौत बनी वाहन जाकर उसके पैरों पर चढ़ गई, महिला को छटपटाते देख रामलीला देख रहे लोगों द्वारा आनन फानन में भागलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज हुआ उधर वाहन चालक फरार हो गया।
सूत्रों का कहना है कि भागलपुर पुलिस चौकी को सूचना दी गई थी। पुलिस आई और उस महिला का इलाज करवाया। मंगलवार की सुबह महिला की मौत हो जाने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ स्थानीय सक्रिय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर उस महिला को गंगा लाभ दे दिया। जबकि ग्रामीण चाहते थे कि उसे महिला को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शमशान घाट पर जलाया जाए। नदी में प्रवाहित कर दिया। महिला की सहानुभूति में लोगों ने उसके अंतिम संस्कार के लिए चंदा भी इकट्ठा करने लगे । लेकिन दाह संस्कार के जगह पर सीधे गंगा में प्रवाहित कर दिया गया। भागलपुर पुलिस चौकी के सिपाही ने कहा लोगों को बोला गया था कि इसको जलाया जाए। महिला का कोई बारिश न होने के कारण कुछ गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पंचनामा बनाकर गंगा में प्रवाहित करवा दिया गया। इसको भागलपुर का एक सदस्य के रूप में देखे थे। जो कि इस भागलपुर में पता नहीं कितने वर्षों से रह रही थी।लोगों का कहना है कि यह महिला अनिरुद्ध नामक व्यक्ति के साथ जीवन यापन करती थी। उनके मर जाने के बाद यह महिला अकेली हो गई।
भागलपुर में रहती थी। जिसको यहां के लोग खाना कपड़ा सब चीज की व्यवस्था कर देते थे। काफी मिलनसार थी, हंसमुख थी। जिस दुकान के पास जाती थी चाहे वह किसी भी चीज की हो लोग उसको खिलाते पिलाते रहते थे। इसकी खबर 1 दिन बाद राजेश यादव पाए,तो उन्होंने उस महिला के बारे में बताने लगे । राजेश यादव का कहना है कि मैं उसको हमेशा कपड़ा, साबुन, नहला, धुला देता था। उसको खाना भी खिला देता था लेकिन वह बहुत दुखी हो गए। उसकी फोटो को देखकर उसको प्रणाम करने लगे। वहीं कौशल किशोर यादव का कहना है की बचपन से वह महिला को हम लोग देखे थे वह हंसती थी, बच्चों के साथ अपने इशारे में बात भी करती थी। उसकी मौत की खबर सुन आवक रह गए। गांव में कितना गाड़ियां आती जाती थी। लेकिन वह बच के निकल जाती थी। उसकी मौत पर लोग मायूस हो गए और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। अंतिम संस्कार में दशरथ साहनी, फिरोज खान उर्फ बुलेट भाई, मुलायम यादव, ऋषियादव, हरिशंकर यादव, आस मोहम्मद, प्रभु ठाकुर, कमलेश चौरसिया, दिलीप बॉसफोर हरिश्चंद्र सिंह, गजेंद्र मौर्य, लालजी जायसवाल सुशील चौरसिया, चिंतामणि चौरसिया, जितेंद्र ठाकुर, धनई वर्मा, सोनू साहनी, हमारे सुरक्षाकर्मी मनीष चौहान, इजहार खान इत्यादि लोग मौजूद रहे।