रेलवे अधिकारियों द्वारा लाइन बॉक्स के बदले ट्रॉली बैग दिए जाने की तुगलकी फरमान वापस हो। गुड्स ट्रेन के ब्रेकयान में सुविधाओं के टोटे हैं। ब्रेक यान में न पानी ,न शौचालय, न बैठने के लिए कुर्सी, बैठने के नाम पर एक लोहे की चादर की स्टूल रहता हैं । वो भी कई ब्रेकयान में टुटी हुई होती हैं इस स्थिति में हम गार्ड लोग अपने बॉक्स पर बैठकर ड्यूटी कार्य करते है। सभी स्टेशनों की लंबाई की दुगनी ,तिगुनी गुड्स ट्रेन होती हैं सभी बोगियों के पीछे ब्रेकयान होता हैं । गुड्स ट्रेन के गार्डो को रेलवे लाइन के गिट्टियों से होते हुए ब्रेकयान तक का सफर तय करना पड़ता हैं। ऐसे एक अपना मूलभूत सुविधाओं का बैग और दूसरे ट्रॉली बैग को ब्रेकयान तक ले जाना कितना कठिन हैं। गार्ड्स काउंसिल के मण्डल कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि हमलोग रेलवे के आधुनिकीकरण के खिलाफ नही हैं।
लाइन बॉक्स में गाड़ी प्रबंधक अपना ब्यक्तिगत सामान नही रखता हैं बल्कि सुरक्षित एव संरक्षित परिचालन को परिचालित करने के लिए गाड़ी प्रबन्धको आवश्यक उपकरण की पेटी हैं। अगर कुछ बदलाव करना ही हैं तो एस एल आर/ ब्रेकयान में इनबिल्ट बॉक्स उपलब्ध कराए।और सभी मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित हो। हम सभी गार्ड्स गाड्स स्नातक योग्यता के साथ गाड़ी इंचार्ज के रूप में कार्य करते हैं।लेकिन रेलवे अधिकारी हमलोगों को कुली बनाने पर तुली हैं यह कतई स्वीकार एव बर्दाश्त नही है। हमारी मांगे नही मानी गई तो ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के नेतृत्व में सपरिवार आंदोलन को आगे बढ़ाने से पीछे नही हटेंगे।