आसुरी की चिता का भस्मीकरण है होलिका दहन
किसी भी उपजाऊ अन्न क्षेत्र, बाग,बगीचा, खलिहान या मानव निवास के परिसर में नहीं जलाई जाती होलिका होलिका दहन एक आसुरी की चिता का दहन है। होलिका एक असुर थी। होलिका दहन उसकी चिता को भस्मीकृत करने की परंपरा है।यह सनातन हिंदू शास्त्रीय विधान के अनुसार किसी भी उपजाऊ अन्न क्षेत्र, खलिहान अथवा किसी मानव […]
होलिका दहन और होली का अध्यात्म
होलिका दहन : भारत में प्रत्येक पर्व का एक लौकिक रूप है। लेकिन उसका एक अलौकिक पक्ष है जो मॉडर्न शिक्षा से ग्रस्त बुद्धि बीमारों को समझ से परे है। सांख्य दर्शन के अनुसार प्रत्येक जीव प्रकृति और पुरुष, या फिर जड़तत्व और परम चेतना से निर्मित है। मनुष्य उन जीवों में श्रेष्ठ इसलिए नहीं […]