दिल की भी सुनो!

दिल, जिगर हृदय, हार्ट चाहे जिस नाम से पुकारों यह छोटा सा शारीरिक अंग सब को तिगनी का नाँच नचा देता है । ईश्वर ने मनुष्य ही नहीं जीवमात्र में हृदय की संरचना की है और उसमें भावनाओं और संवेदनाओं का अंंतरजाल बनाया है। हर दिल की अपनी भाषा,अपनी लिपि और अपनी दृष्टि होती है। […]