Tripura: 'प्रद्योत देबबर्मा को महाराज नहीं कहें', सीएम माणिक साहा के बयान पर भड़की टिपरा मोथा, भारी प्रदर्शन

Tripura TIPRA Motha Protest: टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा (Pradyot Kishore Manikya Debbarma) पर टिप्पणी को लेकर त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बुधवार (24 मई) देर रात त्रिपुरा के खुमुलवंग में टिपरा मोथा पार्टी की ओर से एक विरोध रैली निकाली गई. आदिवासी महिला समूह भी मुख्यमंत्री माणिक साहा (Manik Saha) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले पर अब मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला है. हमारे घर के अंदर बहुत सी चीजें होती हैं जिन्हें बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह एक पार्टी की बंद कमरे में हुई बैठक थी. कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए बयान का इस्तेमाल कर राजनीति कर रहे हैं. प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के साथ मेरे बहुत मधुर संबंध हैं और मेरे मन में उनके परिवार के लिए सम्मान है. ये सम्मान बना रहेगा और हमें कोई दिक्कत नहीं है.  क्या कहा था मुख्यमंत्री ने? दरअसल, मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कहा था कि शाही वंशज और टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा को 'महाराज' नहीं कहा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री का बयान तब सामने आया जब एक स्थानीय अखबार ने सीएम के हवाले से कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को 21 मई को राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान प्रद्योत माणिक्य को महाराजा के रूप में संबोधित नहीं करने का निर्देश दिया.  सीएम के पुतले फूंके मुख्यमंत्री साहा का ये बयान वायरल होने के बाद, विभिन्न आदिवासी संगठनों और टिपरा मोथा पार्टी ने उनके पुतले जलाने के साथ-साथ राज्य भर में विरोध रैलियां शुरू कीं. टिपरा महिला महासंघ ने मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है. पार्टी ने राज्य भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है.  ये भी पढ़ें-  नई संसद के उद्घाटन समारोह से विपक्ष के बायकॉट पर अमित शाह का तीखा हमला, 'कांग्रेस के साथ चलने वालों से कहना चाहता हूं कि...'  

मई 25, 2023 - 22:50
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Tripura: 'प्रद्योत देबबर्मा को महाराज नहीं कहें', सीएम माणिक साहा के बयान पर भड़की टिपरा मोथा, भारी प्रदर्शन

Tripura TIPRA Motha Protest: टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा (Pradyot Kishore Manikya Debbarma) पर टिप्पणी को लेकर त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. बुधवार (24 मई) देर रात त्रिपुरा के खुमुलवंग में टिपरा मोथा पार्टी की ओर से एक विरोध रैली निकाली गई. आदिवासी महिला समूह भी मुख्यमंत्री माणिक साहा (Manik Saha) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले पर अब मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला है. हमारे घर के अंदर बहुत सी चीजें होती हैं जिन्हें बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह एक पार्टी की बंद कमरे में हुई बैठक थी. कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए बयान का इस्तेमाल कर राजनीति कर रहे हैं. प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के साथ मेरे बहुत मधुर संबंध हैं और मेरे मन में उनके परिवार के लिए सम्मान है. ये सम्मान बना रहेगा और हमें कोई दिक्कत नहीं है. 

क्या कहा था मुख्यमंत्री ने?

दरअसल, मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कहा था कि शाही वंशज और टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा को 'महाराज' नहीं कहा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री का बयान तब सामने आया जब एक स्थानीय अखबार ने सीएम के हवाले से कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को 21 मई को राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान प्रद्योत माणिक्य को महाराजा के रूप में संबोधित नहीं करने का निर्देश दिया. 

सीएम के पुतले फूंके

मुख्यमंत्री साहा का ये बयान वायरल होने के बाद, विभिन्न आदिवासी संगठनों और टिपरा मोथा पार्टी ने उनके पुतले जलाने के साथ-साथ राज्य भर में विरोध रैलियां शुरू कीं. टिपरा महिला महासंघ ने मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है. पार्टी ने राज्य भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है. 

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नई संसद के उद्घाटन समारोह से विपक्ष के बायकॉट पर अमित शाह का तीखा हमला, 'कांग्रेस के साथ चलने वालों से कहना चाहता हूं कि...'

 

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