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जर्जर तारों के सहारे विद्युत व्यवस्था

भागलपुर/ देवरिया। जर्जर तारों के सहारे भागलपुर की विद्युत व्यवस्था है आए दिन तार टूटे गिरते रहते हैं 4 घंटे बिजली में महज 2 घंटे ही नसीब होता है। वह भी ऐसा वोल्टेज की किसी के पंख तक नहीं मिलते हैं। बल्ब तक ऐसे जलते हैं। जैसे रात मे टिमटिमाता तारा चमक रहा हो। इतनी भीषण उमस वाली गर्मी में लोगों का हाल बेहाल है। जब विद्युत आती है। तो पता चलता है कि इस मोहल्ले की कतार गिर गया है। उसे मोहल्ले का तार गिर गया है। तो शटडाउन लीजिए। शट डाउन लेने का मतलब की 2 घंटा खत्म यह हाल है। हमारे क्षेत्र में कई माननीय आए गए, लेकिन किसी ने विद्युत व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया। कई बार सर्वे हुआ।

तार बदले जाएं। लेकिन तार तो बदलना दूर ,कई इलाकों में तार ऐसे ही लटका कर छोड़ दिए गए। केबल वाली तार कालीचरण घाट होते हुए सब्जी मार्केट तक लगाया गया और बाद में उसे ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया और जर्जर तारों के सहारे विद्युत व्यवस्था चलती रही। कोई ऐसा दिन ना हो जिस दिन विद्युत आने के बाद चार पांच घण्टे लाइट बाधित न रहे। कभी उधर टूट के गिरता है कभी इधर टूट के गिरता है। मतलब हर मोहल्ले में आए दिन तार का टूटना चालू रहता है। तार टूटा तो उसकी मरम्मत के लिए लोकल इलेक्ट्रीशियन द्वारा बनवाया जाता है और घर घर से पैसा दिया जाता है। विद्युत विभाग को फोन किया जाए तो कोई असर ही नहीं होता है कि लोगों की दिक्कतें है। जिसके घर में दो एलईडी बल्ब जल रहा है। आपके दिन लाइट भी नहीं आई तब भी वहां 300 से 400 के बिल आते हैं। बिजली का बिल काटने वालों का कोई टाइम ही फिक्स नहीं है। मनमाना विद्युत बिल काट रहे हैं।

इस समय सारी समाजसेवी संस्थाएं सो चुकी है। जन समस्या को कोई उठाने वाला नहीं है। आखिर कब तक लोग ऐसी समस्याओं का सामना करेंगे।

Pradeep Kumar Maurya

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Pradeep Kumar Maurya