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वेद, पुराण अध्ययन के लिए संस्कृत का ज्ञान जरूरी : राजा जयप्रताप

बृजेश कुमार बंसी। संस्कृत भाषा में ही हमारे अति प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ, वेद, पुराण आदि हमें प्राप्त हुए हैं। जिनके अध्ययन के लिए संस्कृत के ज्ञान का होना आवश्यक है। जर्मनी समेत कई देशों में संस्कृत का बोलबाला है। और हमारी अति प्राचीन भाषा होते हुए भी हम इससे दूर होते चले जा रहे हैं।
उक्त बातें क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा जयप्रताप सिंह कहा। वे क्षेत्र के एकडेंगवा स्थित श्री मुनेश्वर प्रसाद आदर्श संस्कृत महाविद्यालय पर अयोजित स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी भाजपा की सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। इससे पूर्व की सरकारों ने लगातार इसे अनदेखा किया। जिससे इसके प्रति लोगों की रुचि कम हो गई। लेकिन अब ऐसा नही है। वाराणसी, अयोध्या समेत यहां के जैसे संस्कृत विद्यालयों से लोग शिक्षा प्राप्त कर आईएएस, पीसीएस, पीएचडी आदि जैसे ऊंचे पद को प्राप्त कर रहे हैं। हमारे देश भारत से ही संस्कृत भाषा की उत्त्पत्ति हुई, लेकिन इसे जर्मनी में सबसे अधिक पढा जाता है। उक्त क्रम में ही प्रबन्धक/पूर्व प्राचार्य यशदेव प्रसाद मिश्र ने कहा कि सरकार बच्चों में स्मार्ट फोन, स्कालरशिप आदि देकर छात्र/छात्राओं का जिस प्रकार उत्साहवर्धन कर रही है। यह सराहनीय कार्य है। मुख्य अतिथि श्री सिंह ने विद्यालय के वर्ष 2022-23 में शास्त्री तृतीय वर्ष के 17 छात्र/छात्राओं में स्मार्ट फोन का वितरण किया। कार्यक्रम को सोनफेरवा खुर्द संस्कृत विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य द्विजेन्द्र मणि त्रिपाठी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कवि/पत्रकार राकेश त्रिपाठी ने किया। उक्त दौरान प्राचार्य अनिल कुमार त्रिपाठी, विधायक प्रतिनिधि योगेंद्र पाण्डेय, ग्राम प्रधान प्रदीप चौरसिया, संविदा सहायक अध्यापक बलराम प्रसाद मिश्र, डा. सत्येंद्र मणि त्रिपाठी, डा. बृजेश कुमार शुक्ल, पूर्व प्रधान चन्द्रपाल शुक्ल, सेवानिवृत्त ध्रुवचन्द्र त्रिपाठी, संजय चौहान, संजय लाल श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र मिश्र, अजय कुमार आदि समेत कई छात्र/छात्राएं मौजूद रहीं।

Brijesh Kumar