बरहज, देवरिया। बरहज तहसील के अंतर्गत बरौली चौराहे पर आयोजित श्री राम कथा के 11वें दिन स्वामी पागलनंद महाराज ने कहा कि शरीर आत्मा का वस्त्र होता है। शरीर के अंदर ही कुरीतियां होती हैं उन पांच कुरीतियों को दूर करना वस्त्र को साफ करना अथवा शरीर को साफ करना होता है। पांच विकारों को दूर करने के उपरांत जिसके हृदय में साच का वास होता है उसी के हृदय में आप होते हैं। प्रभु का वास होता है और उनकी कृपा बरसती है। सत्य से भ्रम नहीं करना चाहिए क्योंकि उसका परिणाम अच्छा नही होता। माता पार्वती ने श्री राम के बारे में भ्रम किया तो उनको प्रायश्चित करना पड़ा।
जिलाधिकारी एवं एसपी ने किया बरहज नगर का दौरा

पिता दछ प्रजापति के हवन कुंड में कूदकर जान देना पड़ा था। पुराने वस्त्र को त्याग कर मां पार्वती के शरीर में प्रवेश किया। पुनः ब्रह्म की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या करने से शिव की प्राप्ति हुई। इसलिए काया रुपी शरीर में सच का बास कराये । प्रभु की कृपा अवश्य होगी। व्यासपीठ का पूजन सैथवार मल महासभा के जिला अध्यक्ष अजय सिंह एवं महामंत्री रमेश सिंह ने किया। सुनीता देवी मंची देवी राबड़ी देवी पार्वती देवी रामकृपाल मिश्रा योगेंद्र यादव सहित भारी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित रहे।

 

 

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