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क्या फिर “मोदी लहर” भाजपा को दिलाएगी कामयाबी

मोदी लहर – असल में देखा जाए तो साल 2014 से लेकर 2019 तक “मोदी लहर”पर सवार बीजेपी के लिए क्या इस चुनाव में हालात बदल गए हैं, या फिर केंद्र में उनकी ही सरकार बनने जा रही है. यह सवाल अब लोकसभा चुनाव से ठीक 1 साल पहले बड़ी चर्चा में है. बीते 8-9 सालों में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव छोड़ दिए जाए, तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में बीजेपी ने अपने नाम का दोबारा डंका बजाया है. आपको बता दें की हिंदी बेल्ट के सभी बड़े राज्यों के वरिष्ठ पत्रकारों और चुनावी विश्लेषकों के बातचीत की बातचीत जानकर इस लेख के मध्यम से आपको जो बातें बतायेंगे वो राजनीतिक तौर पर बहुत ही अहम होंगी.

तो वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में आगे बढ़कर जोरों शोरों से हिस्सा लिया. यह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए स्वयं किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि केंद्र की सत्ता में बैठने के लिए किसी भी पार्टी के पास उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटें बहुत मायने रखती है. साथी यूपी में जहां ईसीबी आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर बीजेपी के साथ सहमति जता रहे हैं,तो वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती की भी सक्रिय बढ़ती जा रही है. दोनों ही नेताओं के सभी कदम अभी तक बीजेपी के लिए फायदा पहुंचाने के नजरिए से देखा जा रहा है. समाजवादी पार्टी भी दलित वोटों को पाने के लिए पश्चिम यूपी में सक्रिय चंद्रशेखर आजाद के साथ संपर्क में है, साथ ही जाटों और गुज्जरों का भी समीकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी और गुज्जर समुदाय से आने वाले मदन भैया जैसे चेहरों को अपने आटे में कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के समीकरण
लोकसभा चुनाव 2019
भाजपा-61
अपना दल – 2
बीएसपी -10
सपा – 5
कांग्रेस – 1

यह तो सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश इस समय बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ बना हुआ है. यहां पर भाजपा चुनाव दर चुनाव लगातार जीत ती जा रही है, हालांकि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव भाजपा के पक्ष में नहीं गया. बीजेपी ने इस बार लोकसभा की 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर चुकी है. लेकिन क्या इस बार पार्टी के लिए इतना आसान रहेगा, सूत्रों के मुताबिक इस पर जब उत्तर प्रदेश के कई वरिष्ठ पत्रकारों से बात की गई तो उनका कहना था कि, यह बात सही है कि यूपी में इस समय ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे बीजेपी को परेशान होना पड़े, बिखरा हुआ विपक्ष बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है. परंतु ऐसे में उत्तर प्रदेश मैं 2024 के लोकसभा चुनाव को देखना बहुत ही दिलचस्प होगा क्या बीजेपी “मोदी लहर” के साथ एक बार फिर अपने नाम का डंका यूपी में बजा पाएगी.

Kajal Gupta