कीटनाशक के रूप में - नीम के पत्ते कीटनाशक होते हैं इसलिए इनका उपयोग अनाज में या कपड़ों के बीच भी रखते सकते हैं।
डेंगू मलेरिया से बचाव - नीम के तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते हैं और डेंगू, मलेरिया से बचाव में मदद मिलती है।
बाल झड़ने से रोके - अगर किसी के बाल झड़ रहे हैं, तो ऐसे में नीम के पत्तों और बेर के पत्तों को पानी में उबालें और फिर ठंडा कर इससे बाल धुलने से बालों का गिरना बंद हो जाता है। इससे बाल काले और मजबूत भी हो जाते हैं।
बिच्छू के दर्द में राहत - अगर किसी को बिच्छू ने काट लिया है तो ऐसे में नीम के पत्ते मसलकर या पीसकर काटे गए स्थान पर लगाने से जलन कम होती है और जहर का असर कम होता है।
फोड़ा फुंसी में लाभकारी - नीम के तेल में थोड़ी मात्रा में कपूर मिलाकर फोड़ा फुंसी में इस्तेमाल करने से राहत मिलती है।
हैजा - अगर किसी को हैजा हुआ है तो ऐसे में नीम की 20 पत्तियों को एक कप पानी में मिलाकर पीने से हैजा ठीक होता है।
चर्म रोग - नीम की छाल जलाकर जो भस्म निकले उसे तुलसी के रस के साथ लगाने से त्वचा के दाग व चर्म रोग ठीक होते हैं।
मलेरिया - नीम के काढ़े में धनिया और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया ज्वर में जल्दी लाभ होता है।
खून साफ करने के लिए - नीम की पत्तियां चबाने से रक्त साफ होता है और त्वचा चमकदार होती है।
मुंह की दुर्गंध - नीम पाउडर में दोगुना मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया में लाभ होता है और मुंह की दुर्गंध ठीक होती है।