भारत के 10 ऐसे प्राचीन मंदिर, जो अतीत में वापस ले जाते हैं.
प्राचीन काल में मंदिर सामाजिक केंद्र के महत्वपूर्ण स्थल थे. देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो अतीत के कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला की याद दिलाते हैं।
प्राचीन काल में मंदिर सामाजिक केंद्र के महत्वपूर्ण स्थल थे. देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो अतीत के कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला की याद दिलाते हैं।
1. बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, तमिलनाडु
इस मंदिर को दुष्टों का संहार करने वाले भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर महानता के प्रति एक श्रद्धांजलि है.
2. कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा
यगाची नदी के तट पर स्थित, यह मंदिर होयसल काल की शुरुआती सर्वोत्तम कृति है. यह विजयनगर के शासकों द्वारा चोलों पर उनकी विजय को दर्शाने के लिए बनाया गया था. यह मंदिर पूरी तरह से विष्णु को समर्पित है.
3. चेन्नाकेशव मंदिर, कर्नाटक
यह मंदिर रामायण से भी जुड़ा है, जहां भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या के अभिशाप से बचने के लिए तपस्या की थी. यह इतना मंदिर छोटा है कि यहां एक बार में केवल 10 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है.
4. तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड
यहीं पर आदि कुंभेश्वर मंदिर स्थित है. यह मंदिर विजयनगर काल का है। आदि कुंभेश्वर मंदिर के प्रमुख देवता हैं और उनका पवित्र स्थान मंदिर के केंद्र में है.
5. आदि कुंभेश्वर, तमिलनाडु
इस मंदिर की संरचना 14 वीं शताब्दी की है, लेकिन यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना बताया जाता है.मंदिर मुख्य रूप से संगमरमर और पत्थर के स्लैब से बना है.
6. जगत पिता ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान
वरदराजा पेरुमल मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु के पवित्र शहर कांचीपुरम में स्थित है। माना जाता है कि विष्णु के 108 मंदिरों का 12 कवि संतों या अलवारों ने भ्रमण किया था.
7. वरदराजा पेरुमल मंदिर, तमिलनाडु
इस मंदिर को 1250 ईस्वी के आस-पास पूर्वी गंग राजवंश के राजा नरसिम्ह देव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर, पत्थर के पहियों, स्तंभों और दीवारों के साथ एक विशाल रथ के आकार में है.
8. कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
ये मंदिर माउंट आबू से लगभग 2.5 किमी दूर स्थित है और इन पांचों मंदिरों में से हर एक मंदिर अपने आप में अद्वितीय है. इनका निर्माण 11 वीं और 13 वीं शताब्दी (ईस्वी) के बीच हुआ था.
9. राजस्थान के माउंट आबू के पास दिलवाड़ा मंदिर
यह मंदिर राजा रघुनाथ सिंह द्वारा 1643 में बनवाया गया था. यह मंदिर एक छोटे से वर्गाकार चबूतरे पर बना हुआ है. मंदिर के चारों तरफ तीन मेहराबों वाले द्वार के साथ चारों तरफ घूमने के लिए एक बरामदा है.