Adhik Maas 2023: 23 जुलाई को करें ये उपाय, माँ लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
इस वर्ष 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास है। यह अधिक मास अधिक श्रावण मास है।
अधिक मास का कृष्ण पक्ष और सावन का शुक्ल पक्ष मिलकर एक माह होंगे. इस तरह से सावन का महीना दो माह का होगा.
विष्णु मंत्र का जाप
मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. इस वजह से भगवान विष्णु के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करना आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा.
लक्ष्मी-नारायण की पूजा
पूरे मलमास में आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साथ में पूजा करें. भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं और उनके भोग में तुलसी का पत्ता अवश्य रखें.
तुलसी की पूजा
जिस प्रकार से भगवान शिव को बेलपत्र प्रिय है, वैसे ही भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय हैं. उनकी पूजा तुलसी के बिना पूर्ण
नहीं हो सकती है.
महामृत्युंजय मंत्र का जपज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिकमास में ग्रह दोष की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. बेहतर होगा कि आप किसी पुरोहित से संकल्प करवाकर महामृत्युंजय मंत्र का जप करवाएं.
यज्ञ और अनुष्ठान
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, अगर आप काफी समय से अपनी किसी मनोकामना को लेकर यज्ञ या अनुष्ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिकमास का समय इस कार्य के लिए
सर्वश्रेष्ठ है.
ब्रजभूमि की यात्रा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पुराणों में बताया गया है कि अधिकमास में भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों
की पूजा करना सबसे
उत्तम माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिक मास में जरूरतमंद लोगों को अनाज, धन, जूते-चप्पल और कपड़ों का दान करना चाहिए.