आखिर किन्नर समाज 'रात' में क्यों करता है अंतिम संस्कार

हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि किन्नरों की दुआओं में काफी शक्ति होती है।

किन्नर समाज में जब किसी की मृत्यु होती है तो उनका अंतिम संस्कार रात में किया क्यों किया जाता है।

 किन्नर के मरने के बाद बाकि के किन्नर जश्न मानते है और अपने  आराध्य देवता का ध्यान करते हैं और दान पुण्य भी करते हैं।

किन्नरों के मुताबिक, उनको अपनी मृत्यु का आभास हो जाता है।

मरने का आभास होने के बाद से किन्नर खाना बंद कर देते हैं,कहीं बाहर नहीं जाते हैं।

मौत का पता चलने के बाद वह ईश्वर में विलीन हो जाते हैं और  ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.

मौत का पता चलने के बाद वह ईश्वर में विलीन हो जाते हैं और  ईश्वर से प्रार्थना करते हैं. अगले जन्म में हमें किन्नर न बनाए।

मृत शरीर को वो कफ़न से लपेटते हैं लेकिन वह बांधते नहीं है उनका मानना होता है कि आत्मा को आजाद होने में कष्ट होता है

किन्नर समाज रात में इसलिए अंतिम क्रिया करते हैं ताकि कोई इंसान उसे देख ना पाए.

किन्नर मृत के बाद शव को जूते चप्पल से पीटते हैं। उनका मानना होता है कि अगले जन्म में इस जन्म किन्नर बनाकर न जन्म ले।