हड्डियों के कमजोर होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें फ्रैक्चर होने का खतरा, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी से संबंधित अन्य बीमारियों शामिल हैं। इसलिए जरूरी है कि डाइट में कैल्शियम रिच फूड्स को शामिल करने के अलावा रोज की आदतों में भी कुछ बदलाव किए जाएं।
दुनिया भर में भारी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो सुबह काम की जल्दबाजी में घर से खाली पेट निकल जाते हैं या फिर एक कप कॉफी साथ रख लेते हैं। लेकिन शायद वो ये नहीं जानते कि जब हड्डियों की बात आती है, तो उन्हें हेल्दी बनाए रखने के लिए एक हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट बेहद जरूरी है।
सूरज की रोशनी शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करती है, जो कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है। शरीर को भरपूर मात्रा में सूरज की रोशनी न मिले तो विटामिन डी की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
घंटों तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहने से मांसपेशियां स्थिर हो जाती हैं और अचान उठने और हिलने के लिए हड्डियों को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ऐसा हर रोज करने से समय के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए नियमित कसरत और काम के बीच में कुछ मिनट का ब्रेक जरूरी है।
स्मोकिंग आज के मॉडर्न लाइफ को दर्शाने का तरीका बन चुका है। इसके अलावा कुछ लोग इसे स्ट्रेस कम करने का एक शानदार तरीका मान बैठे हैं। लेकिन शायद वो नहीं जानते हैं कि धूम्रपान केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के लगभग हर हिस्से के लिए हानिकारक है।
पुराने तनाव से हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगली बार जब आप तनावग्रस्त हों, तो योग करें या फिर गहरी सांस लेकर अपने दिमाग को आराम देने की कोशिश करें।
कॉफी लवर्स को ये बात परेशान कर सकती है, लेकिन शरीर में ज्यादा कैफीन की मात्रा हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है। कॉफी और चाय के अलावा कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में भी कैफीन पाए जाते हैं।