Gray Frame Corner

दर्द भरी शायरी

दर्द भरी शायरी

तुझे पाने की तमन्ना दिल से निकाल दी मैंने, मगर आँखों को तेरे इंतज़ार की आदत सी बन गयी है ! 

हाल तो पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का, चले आते हैं लोग जनाजे पर बारात की तरह !! 

मिलता भी नहीं तुम्हारे जैसे इस शहर में, हमको क्या मालूम था के तुम भी किसी और के हो ! 

तकदीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई, आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई, मोहब्बत करके क्या पाया मैंने, वो कल मेरी थी  आज किसी और की हो गई 

कौन कहता है  नफरतों मैं दर्द होता है, कुछ मोहब्बत  बड़ी कमाल की होती है !! 

ज़िंदगी रही तो याद सिर्फ तुम्हे ही करते रहेंगे भूल गए तो समझ जाना अब हम ज़िंदा नही रहे।। 

कभी सोचा न था के  वो मुझे तनहा कर जायेगा, जो अक्सर परेशां देख कर  कहता था मैं हूँ ना !! 

हमें नही आता अपने दर्द  का दिखावा करना, बस अकेले रोते हैं  और सो जाते हैं !! 

महफ़िल में गले मिलके वो धीरे से कह गए ये दुनिया की रस्म है !! इसे मोहब्बत न समझलेना !! 

रोने की सजा न रुलाने की सजा है, ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है, हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू ! ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है ! 

याद कितनी खूबसूरत होती है ना, ना लड़ती है ना झगड़ती है , खामोशी से बस किसी का नाम लेकर, दिल में उतर जाया करती है !!