घर के मंदिर में काली माता, भेटव, टाहु-केतु या किसी भी देवी- देवता के क्रोधी या उग्र स्वरूप की मूर्ति या चित्र मंदिर में न रखें, घर की सुख शांति के लिए सदैव भगवान के सौम्य व आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्ति ही मंदिर में रखनी चाहिए।
घर के मंदिर में शिव जी की मूर्ति रखना शुभ है, लेकिन -भगवान शिव की नटराज स्वरूप की मूर्ति भूलकर भी घर में स्थापित न करें। ये मूर्ति शिव जी के तांडव को दिखती है जो घर में कलह कलेश का कारण बन सकती है।
कभी भी मंदिर में ऐसी मूर्ति न रखें जो कहीं से भी खंडित हो खंडित मूर्ति को तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए।
हमेशा माता लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर ही स्थापित करें जिसमें वो कमल पर विराजमान हों और बैठी हुई अवस्था में हों। माता लक्ष्मी की खड़ी हुई मूर्ति भूलकर भी घर के मंदिर में स्थापित न करें।
शिवलिंग कभी भी ज्यादा बड़े आकार का नहीं होना चाहिए। हमेशा हाथ के अंगूठे के बराबर या उससे छोटे आकार का शिवलिंग ही घर में रखें।
शनि की दृष्टि हमेशा कष्टकारी मानी जाती है। इसलिए कभी भी शनि देव की मूर्ति घर के मंदिर में न रखें। इसे घर की अशांति का कारण बन सकता है।
घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति रखना घट की समृद्धि के लिए अच्छा संकेत है लेकिन कभी भी पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार घर में मंदिर का स्थान ईशान कोण यानी घर का उत्तर-पूर्व कोने में होना चाहिए, मंदिर का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, उत्तर या दक्षिण में नहीं होना चाहिए।