Dream Girl Review:
चार साल बाद लौटी पूजा
"ड्रीम गर्ल 2" में आयुष्मान खुराना का अद्वितीय अभिनय है.
फिल्म के कलाकारों ने किरदारों में जमाया है अपना जादू, लेकिन कहानी के लेखन में कमजोरियों की खातिर फिल्म थोड़ी बिगड़ जाती है।
फिल्म की कॉमेडी सीमित है और कुछ हास्य दृश्य अनावश्यक लगते हैं।
ड्रीम गर्ल 2 का स्क्रीनप्ले कमजोर है, लेकिन अभिनेताओं की जमात हैं।
फिल्म दर्शकों को मनोरंजन के लिए कुछ हास्य और विचारशील दृश्यों का मिश्रण प्रदान करती है, लेकिन कुछ हिचकिचाहटें भी हैं।
फिल्म दर्शकों को मनोरंजन के लिए कुछ हास्य और विचारशील दृश्यों का मिश्रण प्रदान करती है, लेकिन कुछ हिचकिचाहटें भी हैं।
परेश रावल हर रोल में रम जाते हैं। यहां पर सख्त पिता की भूमिका में परेश रावल किरदार साथ न्याय करते हैं। हालांकि, यह किरदार यादगार नहीं बन पाया है।
सहयोगी कलाकारों की भूमिका में आए विजय राज, अन्नू कपूर, मनोज जोशी जैसे समर्थ कलाकारों की प्रतिभा व्यर्थ जाया हुई है।
दिल का टेलीफोन 2.0 को छोड़कर कोई भी गाना कर्णप्रिय नहीं है।
फिल्म में बीच-बीच में कुछ क्षण आते हैं, जो चेहरे पर मुस्कान लाते हैं पर यह मूल फिल्म की तरह मनोरंजक नहीं बन पाई है।