मुस्लिम धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक बकरा ईद है। इसे ईद-अल-अधा के नाम से जाना जाता है। इसे बलिदान का पर्व भी कहा जाता है। Bakra Eid मुस्लिम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है।
कोई इतना चाहे हमें तो बताना, कोई तुम्हारी फ़िक्र करे तो बताना, ईद मुबारक हो हर कोई कह लेगा, कोई हमारे अंदाज में कहे तो बताना।
दीपक में अगर नूर न होता, तन्हा दिल यूँ मजबूर न होता, मैं आपको "ईद मुबारक" कहने जरूर आता, अगर आपका घर इतना दूर न होता।
ईद लेकर आती है ढ़ेर सारी खुशियाँ, ईद मिटा देती हैं इन्सान में दूरियां, ईद है खुदा का एक नायब तबारक, और हम भी कहते हैं आपको ईद मुबारक।
चाँद से रोशन हो रमजान तुम्हारा, इबादत से भरा हो रोजा तुम्हारा, हर रोजा और नमाज कुबूल हो तुम्हारी, यही अल्लाह से दुआ हैं हमारी।
नजर का चैन दिल का सुरूर होते हैं, कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते हैं, सदा चमकता रहे ये ईद का त्यौहार, करीब रह के भी हमसे जो दूर होते हैं।
ऐ चाँद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना, खुशी का दिन और हँसी की शाम देना, जब वो देखे तुझे बाहर आकर, उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना।
चुपके से चाँद की रौशनी छू जाए आपको, धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको, दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से, हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको।
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो, आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो।
तारों से आसमां में खिली रहे बहार, चाँद के जैसा पाक हो सभी का प्यार, होता रहे यूँ ही अपनों से दीदार, मुबारक हो तुमको बकरीद का त्यौहार।
आज के दिन क्या घटा छाई हैं, चारों और खुशियों को फिजा छाई हैं, कह रहा हैं हर कोई ये बात, हो खुशियों भरा ये तेरा दिन रात।