Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश से जुड़ी हैं कई मान्यताएं
आज विध्नहर्ता, वक्रतुण्ड, गजकर्णक, बुद्धिविधाता और लंबोदर भगवान गणेश घर-घर पधार रहे हैं।19सितम्बर 2023 से 29सितम्बर तक भगवान गणपति आपके घर विराजेंगे।
भगवान शिव के द्वारा मिले वरदान के कारण भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। इसके अलावा भगवान गणेश जल तत्व के देवता हैं और सभी देवी-देवताओं का इसमें वास माना गया है।
भगवान गणेश गणों के अधिपति देवता हैं और अक्षरों को गण कहा जाता है। इसी वजह से भगवान को गणेश और गजानन भी कहा जाता है।व्याकरण में भी गण शब्द आता है। गण के अधिष्ठाता देवता होने के कारण इन्हें भगवान गणेश कहा गया है।
ऐसे में किसी भी तरह का शुभ कार्य शुरू करने से पहले जैसे विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह, धार्मिक अनुष्ठान और लेखन करने से पहले श्री गणेशाय नम: लिखा जाता है। ताकि शुभ कार्य या लेखन में कोई बाधा न आने पाए।
सिद्धि श्रद्धा और विश्वास से बना हुआ है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को विश्वास और माता पार्वती को श्रद्धा का प्रतीक और रूप माना गया है।
भगवान गणेश और माता सरस्वती संयुक्त रूप से सभी कलाओं में दक्ष और निपुण हैं। गणेश जी नृत्य, वादन, लेखन, वाणी, तर्क,विचार और बुद्धि के देवता हैं।
गणेश पुराण के अनुसार जब किसी गणेश प्रतिमा में भगवान गणेश की सूंड दाईं ओर होती है तो उसे सिद्धि विनायक का स्वरूप माना जाता है,वहीं बाईं ओर की सूंड वाली मूर्ति को विध्न विनाशक का स्वरूप माना जाता है।
भगवान गणेश बुद्धि,विद्या, वाणी, तर्क-वितर्क के अधिपति देवता हैं। यानी गज सुबद्धि जबकि मूषक कुबुद्धि का प्रतीक है।