Gulzar Shayari :
गुलज़ार के दो लाइन की शायरी बदल देगी आपकी दुनिया
को़ई पू़छ रहा़ है़ मुझ़से मेरी जिंदगी की़ कीमत,
मु़झे याद़ आ रहा़ है़ ते़रा
ह़ल्के से़ मु़स्कुरा देना़ ।
तु़मसे मिला़ था़ प्यार ,
कु़छ अ़च्छे नसीब थे़ ,
ह़़म उ़न दि़नों अमीर थे़ ,
ज़ब तुम क़रीब थे।
जरा ये़ धुप ढ़ल जा़ए ,
तो़ हाल़ पू़छेंगे , य़हाँ कु़छ सा़ये ,
खुद़ को खुदा ब़ताते है़।
वक़्त रह़ता ऩहीं क़ही टिक़ क़र. इसकी आद़त भी आदमी सी़ है़।
कु़छ रिश्तो मे़ मु़नाफा़ ऩहीं हो़ता
प़र जिंदगी को़ अमीर ब़ना दे़ते है़
जिंदगी स़स्ती है़ सा़ह़ब जी़ने के़ त़रीके म़हंगे है
दिल से़ फैस़ला क़रो
तु़म्हे क्या क़रना है़ दिमाग़ त़रकीब निका़ल लेगा
गुज़ऱते दि़नों का़ ऩही
ब़ल्कि यादगाऱ
ल़म्हों का नाम़ है जिंदगी
खामोशी ही़ भ़ली अ़ब ह़र बात़ प़र जंग हो़
य़ह जरू़री तो़ नहीं.
नाराज ह़मेशा खु़शियां ही़ होती हैं
गमों के़ इ़तने ऩखरे ऩहीं ऱहे