Meena Kumari Shayari : मीना कुमारी के बेहतरीन शायरी जिससे सभी पसंद करते है

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,  धज्जी-धज्जी रात मिली जिसका जितना आँचल था,  उतनी ही सौगात मिली 

जब चाहा दिल को समझें,  हँसने की आवाज़ सुनी जैसे कोई कहता हो,  ले फिर तुझको मात मिली 

अकेलेपन के अन्धेरें में दूर दूर तलक यह एक ख़ौफ़ जी पे धुँआ बनके छाया है फिसल के आँख से यह छन पिघल न जाए कहीं पलक पलक ने जिसे राह से उठाया है.

इतना कह कर बीत गई  हर ठंडी भीगी रातसुखके लम्हे,  दुख के साथी,  तेरे ख़ाली हात.  

जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में  घुल जाए कोई राही बदनाम सही  लेकिन गुमनाम नहीं हॊता. 

आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वॊ नाम नहीं होता. 

ये रात ये तन्हाई ये दिल के धड़कने की आवाज़ ये सन्नाटा ये डूबते तारों की 

सब तुम को बुलाते हैं पल भर को तुम आ जाओ बंद होती मेरी आँखों में मुहब्बत का एक ख़्वाब सजा जाओ 

दिल से अनमोल नगीने को  छुपायें तो कहाँ बारिशे-संग यहाँ  आठ पहर होती है. 

हँस-हँस के जवां दिल के  हम क्यों न चुनें टुकडे़ हर शख्स़ की किस्मत  में ईनाम नहीं होता.