Rahat Indori Shayari: राहत इंदौरी की दिल  छू जाने वाली शायरी

जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों मोहब्बत करने वाला जा रहा है Rahat Indori

हाथ खाली है तेरे शहर  से जाते जाते जान होती तो मेरी जान  लुटाते जाते Rahat Indori

दो गज़ सही मगर ये मेरी मिल्कियत तो है ऐ मौत तूने मुझे ज़मींदार  कर दिया Rahat Indori

वो हिंदू, मैं मुस्लिम, ये सिक्ख,  वो ईसाई यार ये सब सियासत है  चलो इश्क़ करें Rahat Indori

मैं जब मर जाऊँ तो मेरी  अलग पहचान लिख देना लहू से मेरी पेशानी पे  हिंदुस्तान लिख देना Rahat Indori

दिन ढल गया और रात  गुज़रने की आस में सूरज नदी में डूब गया,  हम गिलास में Rahat Indori

किसने दस्तक दी  ये दिल पर,  कौन है आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है Rahat Indori

प्यास अगर मेरी बुझा दे  तो मैं जानू वरना तू समंदर है तो होगा  मेरे किस काम का है Rahat Indori

जो दुनिया को सुनाई दे  उसे कहते हैं ख़ामोशी जो आँखों में दिखाई दे  उसे तूफ़ान कहते हैं Rahat Indori

गुलाब, ख़्वाब, दवा, ज़हर,  जाम क्या क्या है मैं आ गया हूँ, बता  इंतज़ाम क्या क्या है Rahat Indori