आज वो फिर इश्क की दास्ताँ सुनाने आये है, आज वो फिर प्यार जताने आये है। जिनके गम के आसूं हम कब के पोंछ चुके, आज वो फिर हमे रुलाने आये हैं।
वो जिंदगी ही क्या जिसमे इश्क नही, वो इश्क ही क्या जिसमे यादें नही,, और वो यादे ही क्या जिसमे तुम नही।
तालुक्कात उनसे पुराने वाले नहीं रहे, वक़्त ने एक लम्बी दूरी तय कर दी और,, अब मुलाकातों के ज़माने नहीं रहे।
बुझते है जलते हैं यादों के दिये, ऐसा क्या गुनाह किया हमने। जो इतने सितम हम पर किए, वफा के बदले हमें क्या मिला, दर्द भरे अश्क जो हमने पिए।
हर एक उलझे सवाल को, उनके जवाब की तमन्ना है। मौत से पहले वो रूबरू हो, उनसे मुलाक़ात की तमन्ना है।
नज़र और नसीब में भी क्या फर्क है यारों, नज़र उसे ही पसंद करती है जो नसीब में नहीं होता।
सीख जाओ वक़्त पर, किसी की चाहत की कदर करना। कहीं कोई थक ना जाए, तुम्हें अहसास दिलाते दिलाते।
अगर बिकने पर आ जाओ तो, घट जाते हैं दाम अक्सर। ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढती है।
जिंदगी अभी उदास ना होना, कभी किसी बात पर निराश ना होना। यह जिंदगी एक संघर्ष है चलती ही रहेगी, कभी अपने जीने का अंदाज ना खोना।
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम, मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम। सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा, बस कसूर इतना था कि बेक़सूर थे हम।
मैंने देखा है उनको दिल की राहो से गुजरते हुए, खामोशियां भले हो जाहिर दिल से याद करते हुए।