जिसमें से तीन प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम
“ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास” “रूपये की समस्याः इसकी अत्पत्ति और इसका समाधान” “पूर्वी भारत कंपनी का प्रशासन और वित”