बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर    के जीवन के बारे में  कुछ बातें

इनका वास्तविक नाम अम्बावाडेकर था। इनका जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित महू नामक स्थान में हुआ था।

उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और  माता जी का नाम भीमाबाई मुरबादकर था।

उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध  अभियान चलाया था। 

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती 14 अप्रैल को  मनाई जाती है  |

इनका जन्म महार जाति में हुआ था, जिसे बहुत ही  निचली जाति माना जाता है।

14 अक्टूबर 1956 में बाबासाहेब ने बौद्ध धर्म को अपना लिया था और लोगों को भी धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करते थे।

 उनको 9 भाषाएं पूरी तरह से आती थी और 64 विषयों में  वह निपुण थे।

अपनी मृत्यू के तीन दिन पहले उन्होंने “द बुद्ध एंड हिज़ धम्म”  को पूरा किया था।

बाबासाहेब को लिखने का बहुत शौक था। अपने जीवन काल उन्होंने कई पुस्तकें लिखी थी। 

जिसमें से तीन प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम 

“ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास” “रूपये की समस्याः इसकी अत्पत्ति और इसका समाधान” “पूर्वी भारत कंपनी का प्रशासन और वित”

भारत सरकार ने मरणोपरांत 1990 में उनको भारत रत्न से  सम्मानित किया था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भीमराव अम्बेडकर को मंत्रिमंडल में भारत के प्रथम कानून मंत्री के पद के लिए नियुक्त किया था।

स्वतंत्र भारत के समय सन 1947 में भारत के संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त  किया गया था।

छह दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनकी मृत्यु हो गई थी