साउथ इंडिया में बेहद मशहूर हैं कॉफी की ये 7 वैरायटी.
धीरे-धीरे कॉफी इंडियन वर्क कल्चर का हिस्सा बनते जा रहा है, जहां नॉर्थ इंडिया में लोग चाय के दीवाने हैं, वहीं साउथ में लोग कॉफी पीने के शौकीन.
इस कॉफी को डायरेक्ट पकाकर नहीं बल्कि फिल्टर मशीन में फिल्टर कर पकाया जाता है. फिर तैयार कॉफी में झागदार दूध और चीनी मिलाकर इस खास कॉफी को परोसा जाता है.
फिल्टर कॉफी
कॉफी की बेस्ट एडिशन में से एक यह डिग्री कॉपी अपने स्ट्रेंथ और इंटेंसिटी के लिए जानी जाती है। स्ट्रॉन्ग कॉफी पीने वालों के लिए यह बेस्ट है,.
डिग्री कॉफी
इंस्टेंट कॉफी ने भले ही फिल्टर कॉफी की तरह लोगों के दिलों में जगह न बनाई हो, लेकिन जल्दबाजी में झटपट तैयार होने के कारण ज्यादातर लोग इस कॉफी को पीना पसंद करते हैं.
इंस्टेंट कॉफी
फिल्टर कॉफी की मिठी वर्जन बेला कॉफी बनाने के लिए गुड़ का उपयोग किया जाता है.गुड़ की मिठास से कॉफी की कड़वाहट दूर होती है और इसे खास अवसर और त्योहारों के दौरान पिया जाता है.
बेला कॉफी
पारंपरिक दक्षिण भारतीय कॉफी, जिसमें सुक्कू यानी सोंठ मिलाकर बनाया जाता है. यह स्वाद के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए मशहूर है.
सुक्कू कॉफी
तमिलनाडु के कुंभकोणम शहर से आने वाली यह करुपट्टी कॉफी क्षेत्रीय विशेषता से भरपूर है, जो अपने समृद्ध स्वाद और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है.
करुपट्टी कॉफी
पश्चिमी घाट की खास कूर्ग कॉफी दक्षिण भारतीय कॉफी का एक बेहतरीन किस्म है, जिसे लोग दूध और बिना दूध के काढ़े की तरह पीना पसंद करते हैं.