चांदी की अंगूठी पहनने के वैदिक ज्योतिष फायदे

दरअसल ज्योतिष महाज्ञानियों के अनुसार चांदी नौ ग्रहों में शुक्र और चंद्रमा से जुड़ा हुआ धातु हैं। माना जाता है कि चांदी धातु जो भगवान शिव की आँखों से उत्पन्न हुआ था इस कारण ऐसा माना जाता है कि जहाँ चांदी होता है और संपन्नता रहती है और किसी भी चीज की कमी नहीं रहती।

ऐसा माना जाता है कि जब आप पूरे विधि-विधान के साथ दाहिने हाथ सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनते है तो आपकी खूबसूरती में बढ़ोतरी होती है। और अगर दाग धब्बे है तो वह खत्म होने के चांस बढ़ जाते है।

इसके अलावा ज्योतिष शास्त्रों की माने तो दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से आपका दिमाग सही रहने लगता है और शांत रहता है। और गुस्से पर काबू  भी होने लगता है।

चांदी की अंगूठी आपके मानसिक क्षमताओं को हल करने में  बहुत मदद करती है।

यदि आपको कोई बीमारियां है जिसमें मुख्यतः अगर जोड़ों में दर्द, खांसी की समस्या या ऑर्थराइटिस तो यह चांदी की अंगूठी वाकई बहुत मदद करेगी आपके स्वास्थ्य के लिए  विश्वास कीजिये।

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति चांदी की अंगूठी पहनना पसंद नहीं करता है वो गले में चैन भी पहन सकते हैं। ऐसा करने से हकलाने वालों को बहुत  लाभ मिलता है।

सबसे पहले तो आपको मार्केट में जाकर सुनार की दुकान से अपने पसन्द के अनुसार कोई एक चांदी की अंगूठी खरीद लेनी है। फिर गुरुवार की रात को ही पानी में डालकर ऐसे ही छोड़ देना है। अगली सुबह मतलब शुक्रवार के दिन पानी से अंगूठी को भगवान विष्णु के चरणों में रखकर पूर्ण विधि-विधान के साथ  पूजा करनी होगी

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