Updated: 11/01/2024 at 2:34 PM
Anjali Singh| THE FACE OF INDIA
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अधीर रंजन चौधरी अयोध्या नहीं जाएंगे। कांग्रेस ने साफ किया कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. इसके साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन भी शिरकत नहीं करेंगे. इन नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मिले निमंत्रण को ठुकरा दिया है.
Pran Pratistha: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी नहीं होंगी. कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता अस्वीकार कर दिया है. बुधवार को कांग्रेस के महासचिव-संचार जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि, हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. धर्म एक निजी मामला है. लेकिन RSS और BJP ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना रखा है. बीजेपी और आरएसएस के नेता अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए करा रहे हैं.
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सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मंदिर समय से बन जाएगा, यह हमें पता नहीं था. हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते हैं. हम सड़क भी बनाते हैं और दूसरे काम भी करते हैं.”
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अधीर रंजन चौधरी अयोध्या नहीं जाएंगे। कांग्रेस ने साफ किया कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. इसके साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन भी शिरकत नहीं करेंगे. इन नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मिले निमंत्रण को ठुकरा दिया है.
Pran Pratistha: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी नहीं होंगी. कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता अस्वीकार कर दिया है. बुधवार को कांग्रेस के महासचिव-संचार जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि, हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. धर्म एक निजी मामला है. लेकिन RSS और BJP ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना रखा है. बीजेपी और आरएसएस के नेता अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए करा रहे हैं.
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बीजेपी ने साधा निशाना-
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे, वो कुछ भी बहाना बना सकते हैं. ये कार्यक्रम न्यास का है. न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है. उद्घाटन तो पीएम मोदी के हाथ से होना ही चाहिए था.”सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मंदिर समय से बन जाएगा, यह हमें पता नहीं था. हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते हैं. हम सड़क भी बनाते हैं और दूसरे काम भी करते हैं.”
कांग्रेस के फैसले से नाखुश हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम-
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ”श्री राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया.” इस दौरान उन्होंने कहा, ”राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं. कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है. यह कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है. इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है. निमंत्रण को अस्वीकार करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है.”First Published on: 11/01/2024 at 2:34 PM
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