श्रावण मास में होगी श्री हरि ऐवम महादेव की पूजा पुरषोत्तम मास की बड़ी महिमा

Updated: 28/06/2023 at 8:43 PM
Devshayani Ekadashi 2023
हिंदू धर्म शास्त्र में पुरषोत्तम मास का बहुत महत्व बताया गया है। इस माह को अधिक मास या मलमास भी कहा जाता है। पुरषोत्तम मास में कोई भी शुभ कार्य नही किया जाता है। इस साल पुरषोत्तम मास 18 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से प्रारम्भ होगा ऐवम इसका समापन 16 अगस्त 2023 दिन बुधवार को होगा।पुरषोत्तम मास के स्वामी श्रीहरि हैं। पुरषोत्तम मास पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। 19 साल के बाद श्रावण मास में पुरषोत्तम मास पड़ रहा है जो कि बहुत ही फलदायी रहेगा। जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें इस अवधि में पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए इसके साथ ही जिन लोगो की जन्मकुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव है उन जातकों को श्रीहरि ऐवम कालों के काल महाकाल की संयुक्त आराधना अवश्य करना चाहिये। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के एक राशि के दूसरे राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य हर मास में अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। जिस मास में सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होता है। उस मास को मलमास या अधिक मास कहा जाता है।

अधिक मास क्यों आता है

अधिक मास हर तीन साल पर एक बार आता है अधिक मास 32 महीने, 16 दिन और 6 घंटे के अंतर से आता है। एक सौर वर्ष का मान 365 दिन, 15 घड़ी, 22 पल और 57 विपल होता है। जबकि चंद्र वर्ष 354 दिन, 22 घड़ी, 1 पल और 23 विपल का होता है। इसी अंतर को पाटने के लिये हर तीसरे साल 13 महीने का चंद्र वर्ष होता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार जिस मास में सूर्य राशि परिवर्तन नही करते हैं वह मास मलिन हो जाता है जिस कारण इस मास का स्वामी बनने से सभी देवताओं ने मना कर दिया इस कारण श्रीहरि ने इस मास को अपनी शरण में लिया ऐवम उसके स्वामी हो गए उन्होंने ये भी कहा था कि इस मास में जो भी भक्त पूरे मन से पूजा अर्चना करेगा उनके सभी पाप नष्ट होंगे और अंत मे मेरे लोक को प्राप्त होगा।

Devshayani Ekadashi 2023 : देवशयनी एकादशी का महत्व

Devshayani Ekadashi 2023 : देवशयनी एकादशी पर इस तरह करें पूजा

पुरषोत्तम मास में कौन से कार्य करे और क्या ना करें 

पुरषोत्तम मास में मांगलिक कार्य विवाह, नामकरण, जनेऊ संस्कार गृहप्रवेश नही होता है इसके साथ ही कुछ लोग सोना , भूमी ऐवम गाड़ी क्रय नही करते हैं। इसमें पूजा-पाठ, जप, तप, व्रत-उपवास जैसे धार्मिक कार्यों करना बहुत लाभकारी होता है। मान्यता है कि अधिक मास में की गई पूजा पाठ, दान, धर्म दस गुना अधिक फल प्रदान करती है।
First Published on: 28/06/2023 at 8:43 PM
विषय
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए, हमें फेसबुक पर लाइक करें या हमें ट्विटर पर फॉलो करें। TheFaceofIndia.com में ज्योतिष वास्तु सम्बंधित सुचना और पढ़े |
कमेंट करे
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Welcome to The Face of India