rajkotupdates.news : टैक्स सेविंग पीएफ एफडी और इंश्योरेंस टैक्स राहत: इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग सीजन शुरू होने के साथ वेतनभोगी वर्ग को भी टैक्स बचाने की योजना बनानी शुरू कर देनी चाहिए। सैलरी अकाउंट में आने के साथ-साथ निवेश की कुछ खास बातों का भी ध्यान रखा जाता है तो इससे न सिर्फ टैक्स की बचत हो सकती है, बल्कि रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा फंड भी तैयार हो सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 5 टैक्स सेविंग विकल्पों के बारे में, जहां आप टैक्स बचाने के साथ-साथ रिटायरमेंट फंड भी बना सकते हैं। rajkotupdates.news का विवरण : टैक्स सेविंग पीएफ एफडी और बीमा टैक्स राहत- Details of rajkotupdates.news : tax saving pf fd and insurance tax relief
rajkotupdates.news का विवरण : टैक्स सेविंग पीएफ एफडी और बीमा टैक्स राहत
पीपीएफ पब्लिक प्रोविडेंट (पीपीएफ) टैक्स सेविंग का सबसे अच्छा विकल्प है। इस निवेश में मैच्योरिटी राशि और ब्याज के साथ-साथ टैक्स फ्री भी होता है। लंबी अवधि में सुरक्षित निवेश और बड़ा फंड बनाने का यह एक बेहतर तरीका है। पीपीएफ खाते में निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। वहीं अगर आपने एलआईसी की पॉलिसी ली है तो आप इसके प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। 80सी में अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट ली जा सकती है।
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) वेतनभोगी लोगों के लिए सबसे आसान कर बचत विकल्पों में से एक है। इसमें भी 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। ईपीएफ का प्रबंधन केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता है। यहां ध्यान रखें कि पीएफ खाते में अर्जित ब्याज सालाना 2.5 लाख रुपये तक कर मुक्त है। रिटायरमेंट फंड बनाने का यह है बेहतर विकल्प
म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश करने पर आपको सेक्शन 80सी के तहत टैक्स कटौती का फायदा मिलेगा। ईएलएसएस पर बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग भी है। यही कारण है कि डबल बेनिफिट के कारण वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ईएलएसएस एक बेहतर टैक्स सेविंग विकल्प है।
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सैलरी पाने वालों के लिए टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट भी एक अच्छा विकल्प है। ये एक ऐसी FD है, जिसमें आप 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं. इसमें 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है। वेतनभोगी वर्ग के लिए यह एक सुरक्षित कर बचत विकल्प है। यहां जानिए कि टैक्स सेविंग FD की मैच्योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्सेबल होता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को धारा 80 सीसीई के तहत 1.5 लाख की सीमा तक कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इसके अलावा एनपीएस में आपको सेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है। वेतनभोगी वर्ग के लिए एनपीएस एक अच्छा दीर्घकालिक कर बचत विकल्प है। सेवानिवृत्ति के लिए भी यह एक बेहतर योजना है।