Mumbai : महाराष्ट्र के नवनिर्माण सेना MNS ने मराठी भाषा के मामले पर एक बार फिर से अपना तेवर दिखा रहे है। मगंलवार को एक सख्त ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका करके पार्टी के पंजीकरण के लिए रद्द करने की मांग की। इस मामले को लेकर राज ठाकरे की पार्टी भड़क उठी है। फिर से उत्तर भारतीयों को चेतावनी दी गई है । एमएनएस के नेता ने कहा है कि इस मामले पर विचार करेंगे। उत्तर भारतीयों को महाराष्ट्र में रहने की अनुमति देनी चाहिए कि नही ।
मुंबई (Mumbai) के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भारतीय जनता पार्टी का क्षेत्री दलों को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया है। बीते दिनों देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप करने के कारण भाषा विवाद शांत हुआ है।
राज ठाकरे के पार्टी पर हिंदू विरोधी
मुंबई(Mumbai) में रहने वाले कार्यकर्ता सुनील शुक्ला ने कहा कि बैंको और अन्य प्रतिष्ठान पर मराठी भाषा का उपयोग और लागू करने के कारण आंदोलन किया जायेगा। जिसके लिए एमएमएस का पंजीकरण को रद्द करने पर विरोध वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट के दायर में दर्ज की गई है। सुनील शुक्ला जी ने कहा की एमएनएस बस उत्तर भारतीय लोगों के विरोध में है। बल्कि हिन्दू विरोधी भी है। क्योंकि मनसे कार्यकर्ताओं ने जिस बैंक पर हलमा किया था। वे लोग हिंदू थे।अजीबगरीब भैया बताया गया उत्तर भारतीय लोगो को
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संजय निरुपम का बयान।
संदीप देशपांडे ने कहा कि भाजपा के दौरान क्षेत्रीय दलों को खत्म करने काम है। वे अपने गूंगो के जरिए ये काम कर रहे है हम उन लोगो से डरते नही है।इस दैरान शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने कहा कि मनसे या और किसी अन्य पार्टी के दौरान महाराष्ट्र के लोगों पर मराठी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए जोर देना गलत नही है । बहुत जल्द में संवाद दताओ
ने कहा की निदोष बैंक पर हमला करना गलत बात है। उन्होंने पार्टी के खिलाफ कारवाई की मांग की है।