Congress Income Tax Notice: पहले कांग्रेस पार्टी को गुरुवार 28 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा, उसके बाद आयकर विभाग ने भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी. कांग्रेस को आयकर विभाग ने लगभग 1700 करोड़ रुपये का नोटिस दिया है. इसके साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी की लोकसभा चुनावों से पहले आर्थिक चिंताएं बढ़ गई हैं. आयकर विभाग की नई मांग में 2017-18 से लेकर 2020-21 के लिए है. इसमें जुर्माना और ब्याज दोनों ही शामिल है. फिलहाल राशि और बढ़ने के आसार हैं. 2021-22 से लेकर 2024-25 की आय का आयकर विभाग पुनर्मूल्यांकन का इंतजार कर रही है. कट-ऑफ तिथि रविवार तक पूरा होगा. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वकील विवेक तन्खा ने कहा पार्टी कानूनी चुनौती को आगे बढ़ाएगी. आयकर विभाग की इस कार्रवाई को विवेक तन्खा ने अलोकतांत्रिक और अनुचित करार दिया.
कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया कि पार्टी को लगभग 1700 करोड़ रुपये का नया नोटिस गुरुवार 28 मार्च को बिना प्रमुख दस्तावेजों के भेजा गया. उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान देश के मुख्य विपक्षी दल का आर्थिक रूप से गला घोंटा जा रहा है.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार 28 मार्च को कांग्रेस की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें आयकर अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ 4 साल की अवधि के लिए पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू किए जाने को चुनौती दी गई थी. न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव और न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि अन्य वर्ष के लिए पुनर्मूल्यांकन शुरू करने में हस्तक्षेप से इनकार के पहले के फैसले के अनुसार ही याचिकाएं खारिज की जाती हैं. मौजूदा मामला वर्ष 2017 से 2021 तक के मूल्यांकन से संबंधित है.
कांग्रेस पार्टी ने पिछले सप्ताह खारिज की गई अन्य याचिका में 2014-15 से 2016-17 मूल्यांकन वर्ष से संबंधित पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को शुरू किए जाने को चुनौती दी थी. 22 मार्च को हाईकोर्ट ने उन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि कर प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया पर्याप्त और ठोस सबूत इकट्ठे किए हैं, आगे जिनकी जांच की आवश्यकता है. कांग्रेस ने याचिका में दलील दी थी कि आयकर अधिनियम की धारा 153 C के तहत कार्रवाई उन पड़तालों पर आधारित थी जो अप्रैल, 2019 में 4 व्यक्तियों पर की गई थी. और यह एक निश्चित समय से परे थी.