Maharashtra Governor- दरसल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि,” मैंने पीएम को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया है”. यह जानकारी सोमवार 23 जनवरी को राजभवन ने प्रेस रिलीज के जरिए बताया है. उन्होने बयान जारी करते हुए कहा है कि,”अभी जल्दी में मैनें मुंबई यात्रा के दौरान मोदी जी से अपने राजनीतिक जिम्मेदारीयों से छुट्टी लेने के विचार को व्यक्त किया”.

आपको यह जानकारी भी दे दें कि राजभवन की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि,” राज्यपाल कोश्यारी ने अपना बाकी जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है”. कोश्यारी ने मीडिया से बात-चीत के दौरान कहा की ,”महाराष्ट्र जैसे महान राज्य में संतो, समाज सुधारकरों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात थी”.

Maharashtra Governor

राज्यपाल की कार्यकारी के वक़्त जनता से मिला सम्मान

बयान में राज्यपाल ने कहा कि,” बीते 3 साल से ज्यादा समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता से मिले प्यार और स्नेह को मैं कभी नहीं भुला सकता ,मुझे देश के प्रधानमंत्री से बहुत प्रेम स्नेह मिला है.” आपको यह भी बता दें कि महाराष्ट्र शहर के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने दिए गए कई बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं, साथ ही उन पर विपक्ष ने पक्षपाति होने का भी आरोप लगाया है.

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राज्यपाल द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए बयान को लेकर मचा घमासान

हाल ही में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिया था. जिसके बाद विपक्ष के साथ-साथ राज्य सरकार के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी . दरअसल राज्यपाल कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि ,”छत्रपति शिवाजी महाराज “पुराने दिनों” के आइकॉन थे, राज्य में आइकॉन वाली बात के दौरान उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी लिया था . जिस पर उन्होंने कहा था कि पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकन है तो ,जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और माहात्मा गांधी का जवाब होता था. महाराष्ट्र में आपको गौर कराने की जरूरत नही है. क्योंकि यहां बहुत से आइकॉन हैं. जहां छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हैं ,वहीं अंबेडकर और नितिन गडकरी है.

गवर्नर का मुंबई पर बयान

इससे पहले भी कोशियारी के एक बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ था. दरसल जुलाई 2022 में उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र से गुजराती और राजस्थानी हट जाए तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने का अपना स्टेटस खो देगी. उनकी इस टिप्पणी पर सभी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि ,”मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की तारिफ करते हुए शायद मैंने गलती की.”

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