Mukhtaar Ansari Death News: माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च को शाम हार्ट अटैक से मौत हो गई. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. इलाज के दौरान ही मुख्तार अंसारी ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. पुलिस प्रशासन की ओर से अंसारी की मौत की पुष्टि कर दी गई है. अंसारी के मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. मऊ, बांदा और गाजीपुर में सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने कहा गया है. इस सप्ताह मुख्तार अंसारी की दूसरी बार तबीयत बिगड़ी थी. पहली बार चेकअप के बाद अंसारी को वापस जेल भेजा गया था, जहां फिर गुरुवार को तबीयत खराब हो गई. चेकअप के दौरान हार्ट अटैक की आशंका के बाद मुख्तार को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पुरे मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. कई पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
मुख्तार की तबीयत खराब होने पर उसके भाई अफजाल अंसारी ने उन्हें मारने का आरोप लगाया था. अफजाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मुख्तार अंसारी को मारने की साजिश कई सालों से रची जा रही है. अफजाल ने कहा था कि एक बार गाजीपुर में बम बनाते समय विस्फोट हो गया था, जिसमें एक की मौत भी हो गई थी. एक अपराधी को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था जिसने कबूल किया था कि उसे 5 करोड़ रुपये मुख्तार अंसारी को उड़ाने के लिए दिए गए थे. इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं जिसमें मुख्तार अंसारी को मारने की कोशिश की गई. सांसद ने कहा था कि ये सब बृजेश सिंह को बचाने के लिए किया जा रहा है. 2001 में उसरी चट्टीकांड में मुख्तार अंसारी पर हुए हमले में त्रिभुवन सिंह व बृजेश सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है. इन लोगों को सजा न हो, इस लिए घटना के 22 सालो बाद मुख्तार अंसारी और केस में शामिल गवाहों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
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अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के माध्यम से मुख्तार अंसारी ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें मुख्तार अंसारी ने कहा था कि बीते 19 मार्च को बांदा जेल में जो उन्हें भोजन दिया गया उसमें जहर मिला था. भोजन करने के बाद ही प्रार्थी की हालत बहुत ही खराब हो गई थी. हाथ पैर ही नहीं बल्की पुरे शरीर की नसों में दर्द है, ऐसा लगता था कि कि उसकी मृत्यु हो जाएगी. अंसारी ने कहा कि इस घटना के 40 दिन पहले भी खाने में विषाक्त पद्वार्थ मिला कर उसे दिया गया था. जेल स्टाफ द्वारा उसे खाना टेस्ट करके दिया जाता था. खाना खाने वाले जेल के कर्मचारी भी बीमार हुए थे. बांदा जेल में मुख्तार अंसारी ने जान का खतरा बताते हुए कहा था कि उसके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है.