THE FACE OF INDIA – KAJAL GUPTA
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान मर जाते हैं वह अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए पितर बन जाते हैं । आइए जानते हैं कब से शुरू होगा पितृ पक्ष,पितृ पक्ष श्राद्ध की तारीख, तर्पण विधि और पूजा सामग्री क्या हैं?
○ इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होगा। पितृपक्ष में पितरों को याद करके उनकी श्रद्धा की जाती है।उनके प्रति कृतज्ञता दिखाई जाती हैं ।पितृ पक्ष 25 सितंबर को समाप्त होगा ।
○अश्विन कृष्ण पक्ष की पहली अमावस्या से एक पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है।शास्त्रों में दिए गए नियमों के अनुसार , जिसमें लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक स्थलों पर जाकर अपने पितरों के श्राद्ध और तर्पण दान करते हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितरों को श्राद्ध दिया जाता है और वे अपने पीढ़ियों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वजों के आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन आनंद बना रहता है। पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन आरम्भ होता है । यह 15 दिनों तक चलता है। ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज पृथ्वी पर कौवे के रूप में आते हैं।
○शास्त्रों के अनुसार , पितरों का श्राद्ध ब्राह्मण को भोजन और पिंडदान करके करना चाहिए । श्राद्ध में ब्राह्मण को घर बुलाकर और पैर धोकर आसन पर बिठाना चाहिए।
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○ पितरों को अर्पण करने का अर्थ यह है कि उन्हें जल देना। पितरों को याद करके हाथ में जल, अक्षत, कुश ,पुष्प और काला तिल लेकर उन्हें आमंत्रित करें । इसके पश्चात उनका नाम लेकर जल को 5 बार जमीन पर गिराये । कौवे को पूर्वजों का रूप कहा जाता है। पितृ पक्ष में कौवे को भोजन कराना चाहिए।
○पितृ पक्ष श्राद्ध में लगने वाली सामग्री :-रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी के पत्ते, पान, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी दीया, कपास, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर. इसी सामग्री से श्राद्ध पूजा की जाती है. केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वंक चावल, मूंग ।