Sawan 2023: 4 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से इस साल श्रावण के पवित्र महीना प्रारम्भ हो रहा है। इस साल श्रावण (Sawan) का यह पवित्र मास 58 दिनों का होगा और इसमें चार नहीं, बल्कि आठ सोमवार होंगे । भोलेनाथ के भक्तों को भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आठ सोमवार मिलेंगे। इस सालअधिमास के कारण श्रावण का महीना 30 नहीं अपितु 58 दिनों का रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर तीसरे साल में 33 दिनों का अतिरिक्त माह बनता है, जिसे अधिमास कहते है. इस बार इस अधिमास का समायोजन श्रावण मास में हो रहा है। श्रावण मास को सावन का महीना भी कहा जाता है । श्रावण (Sawan) मास हिन्दू धर्म शास्त्र का पंचम मास होता है। यह मास श्रवण नक्षत्र के नाम से पड़ा है , हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार हर मास किसी ना किसी नक्षत्र से जुड़ा हुआ है और श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्र हैं जो कि शिव जी के मस्तक में विराजमान हैं और जैसे चंद्र देव शिव जी को प्रिय हैं उसी प्रकार श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव का यह मास शिव जी को प्रिय है। श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित है ऐसी मान्यता है कि श्रावण के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को मनोवांछित आशीर्वाद प्रदान करती है। इस साल श्रावण में कुल आठ सोमवार पड़ रहे हैं। श्रावण (Sawan) के सोमवार कुंवारी लड़कियां के लिए काफी खास माने जाते है ।ऐसी मान्यता है की श्रावण में भगवान शिव की उपासना करने से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, श्रावण (Sawan) का प्रथम सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा, इसके बाद 17 जुलाई को दूसरा, 24 जुलाई को तीसरा, 31 जुलाई को चौथा, 7 अगस्त को पांचवा, 14 अगस्त को छठा, 21 अगस्त को सातवां और 28 अगस्त को आठवां और अंतिम सोमवार पड़ेगा।
हिन्दू धर्म शास्त्र में ऐसा माना गया है केवल महादेव ही किसी का भाग्य बदल सकते हैं यदि किसी जातक को अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलना है तो उसे श्रावण मास में शिव जी की पूजा, अभिषेक, आराधना अवस्य करना चाहिये। श्रावण (Sawan) मास में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। पूरे श्रावण मास में शिव जी की पूजा अभिषेक करने से सभी मनोवांछित कार्य सिद्ध हो सकते हैं या सोमवार के दिन भगवान शिव को विधि पूर्वक अभिषेक करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। शिव जी को गाय के दूध से अभिषेक करना अति शुभ माना गया है। ऐसा करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है और व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और दूध मिश्रित जल से अभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही मानसिक तनाव दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ठीक इसी प्रकार शिवजी को गन्ने के रस से अभिषेक करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं और जीवन के हर क्षेत्र लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव बेहद प्रसन्न होते हैं और सभी कामनाओं की पूर्ति करते हैं।
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शिवजी को दही से अभिषेक करने से जीवन में स्थिरता आती है। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है। मान्यता है कि श्रावण (Sawan) मास में शिवजी को दही से अभिषेक करने से आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
ठीक इसी प्रकार शिवजी को इत्र से अभिषेक करने से दाम्पत्य जीवन मे मधुरता आती है। शिवजी को गंगाजल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है , गंगाजल से अभिषेक करने से सर्वसुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही धन वैभव की कमी दूर होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिवजी को शहद से अभिषेक करना बेहद पुण्यकारी माना गया है। शिवजी को शहद चढ़ाने से व्यक्ति के मन आध्यात्म की तरफ झुकता है और वाणी में मधुरता आती है।ऐवम समाज में यश व सम्मान की प्राप्ति होती है।
शिवजी को घी से अभिषेक करेने से शारीरिक समस्याएं दूर हो सकती है ऐवम कई बीमारियों से राहत भी मिल सकती है। महाशिवजी को पंचामृत से अभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिवजी को कुस मिश्रित जल से जल से अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति को तेज ज्वर आ रहा हो तो शिवजी को कुस मिश्रित जल से अभिषेक के बाद ज्वर कम हो सकता है या आरोग्यता आ सकती है।
श्रावण मास में भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप अवस्य करना चाहिए—-
1— ॐ नमः शिवाय ।
2— ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
3— ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
पंडित आशीष कुमार तिवारी।