हड़ताल के दौरान संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कराया मुंडन साथ ही महिला संविदा ने भी किए केश दान

“नीमच जिले से संविदा स्वास्थ्य अधिकारियों कर्मचारियों की हड़ताल 14 वे दिन भी रही जारी विरोध स्वरूप संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कराया मुंडन, साथ ही महिलाओ ने भी किये केश दान”

नीमच। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के प्रांतीय आव्हान पर दो सूत्रीय मांग नियमिति करण ओर हटाए गए कर्मचारियों को पुनः काम पर रखने की मांग को लेकर प्रदेश के समस्त जिलो के साथ नीमच जिले के लगभग 200 से भी ऊपर अधिकारी कर्मचारी 15 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हडताल के 14 वे दिन 28दिसम्बर बुधवार को जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारीयों ने ट्रामा सेंटर के समीप धरना स्थल पर अपना मुंडन करावया वही महिलाओ ने भी अपनी सहभागिता निभाते हुवे सांकेतिक केश दान किए।स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष अनिल कुमार डूंगरवाल ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं वही आज 28 दिसम्बर बुधवार को हड़ताल का 14 वा दिन था और आज संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिल कुमार डूंगरवाल (एसटीएस) और शैलेंद्र शर्मा नर्सिंग ऑफिसर ने अपना मुंडन करवाया है।साथ ही इस विरोध में महिलाओं ने भी अपनी सहभागिता निभाते हुए नीलू वर्मा और चंचल पाटीदार नर्सिंग ऑफिसर ने भी अपने केश दान कर शासन को अपना विरोध दर्ज किया है।संविदा स्वास्थ्य अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी पीडा सुनाते हुए निम्न तर्क दिये- 1. 5 जून 2018 की नीति बनाई गई है उसमें जिला स्वास्थ्य समिति और राज समिति के सदस्यों को भी लाभ देने की बात कही गई है जो आज दिनांक तक नहीं मिला है। 2. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की स्थापना के समय से सुदूर अंचलों में आज तक सेवाएं दे रहे है वो हम ही हैं जिनके कारण मध्य प्रदेश बीमारू राज्य के तमगे से बाहर निकला है। 3.वो हम ही है जिनके तकनीकी कौशल से ट्रैकिंग टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के कारण बड़ी बड़ी महामारियो का उन्मूलन हो पाया है। 4. वह हम ही हैं जिनके कारण टीवी, हैजा, कुष्ठ, मलेरिया, एस खसरा, पोलियों, आदि असाध्य बीमारियां नियंत्रण में है। वह हम ही है जिन्होंने वर्षों से 10000 से भी कम के वेतन में भी दुर्गम क्षेत्रों में सतत, टीकाकरण किया है, जिससे आज जच्चा- बच्चा रोगमुक्त है 5. वह हम ही है जो आज मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र के मानव संसाधन में लगभग 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी लिए हुए हैं वह हम ही है जिन्होंने 10000 से कम के वेतन में अपनी आधी से अधिक जिंदगी गुजार दी है। 6. वह हम ही है जो दमन पूर्वक अप्रेजल के कारण निष्कासित हुए हैं या वेतन वृद्धि से वंचित है, 7 वह हम ही हैं जिनको परिवार की चिंता के कारण अप्रेजल में हमारी आबरू को दांव पर लगाना पड़ा है। 8. वह केवल और केवल हम ही है जिन्हें अपना कार्य इमानदारी से करने के पश्चात भी केवल संविदा में रहने के कारण अपने अधिकारी से हमेशा प्रताड़ित होना पड़ता है। संविदा कर्मचारीयों के अनिश्विकालिन हडताल से एचडब्ल्यूसी डेली ओपीडी, जीवनकाल, बीपी स्क्रीनिंग ट्रीटमेन्ट व मरीजों का फालोअप, शुगर स्क्रीनिंग ट्रीटमेन्ट व डायबिटीज मरीजों का फालोअप, टीबी मरीजो की स्क्रीनिंग व उपचार तथा फालोअप एसबीएनसी मानिटरिंग सर्विसेज, बीएचएनडी मानिटरिंग सर्विसेज, समस्त प्रकार की जांचे, बीएसएसएनसी, सभी प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के मलेरिया कार्यक्रम प्रभावित, वेलनेस एक्टिविटी व योगा तथा पाषण हेल्थ चर्चा, मरीजो की रेफरल सर्विसेस, आरसीएच अनमोल थर्ड, फार्म एएनसी चेकअप, हेल्थ आईडी, सभी कम्युनिकेबल डाइसिज सर्विस एन्ड मेनेजमेन्ट, डेली आईएसआईपी, एएसबी प्रोग्राम, निक्षम आईडी बनाना आदि सेवाऐ गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। शिवराज सरकार हमारा शोषण कर रही है हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है हमारी दो मांगे हैं हमें नियमित किया जाए और हटाए गए कर्मचारियों को पुनः काम पर रखा जाए यह आर पार की लड़ाई है अब हमें यदि आमरण अनशन भूख हड़ताल और चक्का जाम भी करना पड़ा तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

Rakesh Sharma