Updated: 01/11/2021 at 10:55 AM
होली क्रॉस हॉस्पिटल अम्बिकापुर। चीफ गेस्ट डॉ अजय तिर्की महापौर नगर निगम अंबिकापुर, सिस्टर डायना एडमिनिस्ट्रेटर होली क्रॉस हॉस्पिटल अंबिकापुर, डॉक्टर दीपिका भगत सीनियर फिजिशियन होली क्रॉस हॉस्पिटल अंबिकापुर, टंकाधर बारिक डायलिसिस टेक्निशियन होली क्रॉस हॉस्पिटल अंबिकापुर और छत्तीसगढ़ के प्रमुख टेक्नीशियन के द्वारा होली क्रॉस हॉस्पिटल अंबिकापुर में किडनी की बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक आयोजन किया गया।वही टाइक्वांडो मास्टर मोहन आदित्य द्वारा “दि फेस ऑफ इंडिया न्यूज़ के माध्यम से लोगो के लिए संदेश देते हुए बताया कि आज से 20 से 25 वर्ष पूर्व डायलिसिस एयर ट्रांसप्लांट गुर्दा रघु के संबंध में एक अनजान शब्द बना हुआ करता था किंतु वर्तमान परिपेक्ष में गुर्दा की निष्क्रियता की वजह से यह दोनों सब बहुत घमंड हो गया है आज से ठीक 17 साल पहले मैं जब होली क्रॉस हॉस्पिटल जॉइन किया था तब केवल एक डायलिसिस मशीन थी आज इसी हॉस्पिटल में 18 डायलिसिस मशीन है जो की रोज हम तीन शिफ्ट में मरीजों की डायलिसिस प्रक्रिया पूरी करते हैं और आज की डेट में पूरे अंबिकापुर में लगभग 50 की संख्या में डायलिसिस मशीन चल रही है। भारत सरकार भी इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर राज्य के बड़े से लेकर छोटे जिलों में सरकारी हॉस्पिटल में डायलिसिस सुविधा प्रदान कर रही हैं साथियों गुर्दो की समस्या बहुत गंभीर है और इस बीमारी की रोकथाम के लिए हम तीन चरणों में लड़ाई लड़नी होगी पहला हमें लोगों के गुर्दो को कैसे स्वस्थ रखा जाए इस बारे में जागरूक करना होगा दूसरा उन मरीजों को जिनका गुर्दा अभी खराब होना शुरू हुआ है उन्हें प्रेरित करना होगा की अपने गुर्दा रोग विशेषज्ञों की सलाह से रेग्युलर दवाई लेते रहेंसाथियों इस बीमारी की विडंबना यह है कि यदि गुर्दा खराब होना शुरू होता है तो यह गुर्दा पुनः स्वस्थ हो जाए ऐसी संभावना नहीं है परंतु दवाई के माध्यम से गुर्दा खराब होने की गति को ब्रेक लगाया जा सकता है। तीसरा और महत्वपूर्ण चरण यह है कि गुर्दा खराब होने की बात मरीज को काउंसिल किया जाए कि वह नियमित रूप से डायलिसिस करें या फिर ट्रांसप्लांट कराएं ताकि मरीज की जिंदगी सुचारू रूप से चलती रहे साथियों कहने के लिए तो बहुत कुछ है परंतु समय की मांग पर फिर एक बार मैं अपने मुख्य अतिथियों साथियों और भाई बहनों का स्वागत करते हुए धन्यवाद करता हूं और अपनी वाणी को यहीं विराम देता हूं धन्यवाद।
First Published on: 01/11/2021 at 10:55 AM
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